
प्रतिनिधि मंडल में दल बदलू नेताओं के साथ किसान की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास करने वाला बदमाश भी नजर आया
बिलासपुर जिले की विभिन्न तहसीलों में मुस्लिम समाज के पात्र लोगों को EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाने के विरोध में सोमवार को मुस्लिम समाज के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधियों ने कहा कि बार-बार आवेदन देने के बावजूद तहसील कार्यालयों से केवल टालमटोल किया जा रहा है और नियमों का हवाला देकर प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधीश को बताया कि शासन द्वारा निर्धारित मापदंड — जिसमें 8 लाख रुपये तक की वार्षिक आय, 5 एकड़ तक कृषि भूमि और 1000 वर्गफुट तक की रिहायशी संपत्ति शामिल है — को पूरा करने के बावजूद मुस्लिम समाज के लोगों के आवेदन स्वीकृत नहीं किए जा रहे हैं। जबकि ऐसे सभी पात्र व्यक्तियों को EWS प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए, जिससे उन्हें शिक्षा और नौकरी में मिलने वाले 10% आरक्षण का लाभ मिल सके।
प्रतिनिधियों का आरोप – अफसरशाही कर रही भेदभाव
रतनपुर से आए यासीन खान और सीपत से आए नूर मोहम्मद ने बताया कि तहसील कार्यालयों में मुस्लिम समाज के EWS प्रकरण दर्ज ही नहीं किए जा रहे हैं। अधिकारी स्पष्ट गाइडलाइन न होने का बहाना बनाकर आवेदकों को बार-बार टाल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक प्रकार की प्रशासनिक दादागिरी और दुर्भावनापूर्ण व्यवहार है, जिससे समाज के गरीब और योग्य छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा और सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं।
संभावित आंदोलन की चेतावनी
प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही इस व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो मुस्लिम समाज की एक विस्तारित बैठक बुलाकर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। समाज के वरिष्ठजनों के नेतृत्व में समूचा मुस्लिम समाज इस मुद्दे पर संगठित होकर संघर्ष के लिए तैयार है।
जिलाधीश ने दिया आश्वासन
जिलाधीश ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वे मामले की जांच कर संबंधित अधिकारियों को नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश देंगे ताकि पात्र व्यक्तियों को उनका हक मिल सके।