
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ राज्य के पेट्रोल पंपों में फूड लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय को खाद्य विभाग ने लागू किया है। यह कदम बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला द्वारा पिछले साल विधानसभा के बजट सत्र में उठाए गए मुद्दे के बाद उठाया गया।
विधायक ने खाद्य मंत्री से सवाल किया था कि पेट्रोल पंपों को संचालन के लिए फूड लाइसेंस की आवश्यकता क्यों है और यह किस अधिनियम या नियम के तहत लागू किया गया था? इसके साथ ही, उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इस नियम को समाप्त करने का प्रस्ताव शासन के समक्ष लंबित है और यदि हाँ, तो कब तक इसे समाप्त किया जाएगा?
इस पर खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने जवाब देते हुए कहा था कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 के अंतर्गत “छत्तीसगढ़ मोटर स्पिरिट एवं हाई स्पीड डीजल ऑयल (अनुज्ञापन तथा नियंत्रण) आदेश, 1980” के तहत पेट्रोलियम उत्पादों के विक्रय हेतु रिटेल सेलिंग लायसेंस फूड लाइसेंस की अनिवार्यता थी। उन्होंने यह भी बताया कि इस नियम को समाप्त करने की प्रक्रिया चल रही है।
अब खाद्य विभाग ने इस प्रक्रिया को पूरा करते हुए पेट्रोल पंपों से फूड लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है, जिससे पेट्रोल पंप संचालकों को राहत मिली है।