बिलासपुर: एनपीएस और ओपीएस को लेकर लिपिक संघ के प्रदेश महामंत्री सुनील यादव ने जाहिर की नाराजगी, कहा- नए और पूर्व सरकार के बीच डोल रहे कर्मचारी

बिलासपुर: ओ.पी. एस. के बजाए एन.पी. एस. सही या ज्यादा कारगर है इस बात को लेकर शासन की मंशा व कर्मचारियों के बीच कन्फ्यूजन कि स्थिति बनी हुई है। सबसे ज्यादा नुकसान उन कर्मचारियों को हो रहा है जो रिटायर्ड हो रहे या जिनकी मृत्यु हो चुकी है।

उक्त बातों को मीडिया के समक्ष रखते हुए लिपिक संघ के प्रदेश महामंत्री सुनील यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना देश के केवल कुछ ही राज्यों में है, जिसमें पश्चिम बंगाल, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में ही है। शेष राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन चलाये जा रहे हैं। केंद्र सरकार का अपना नजरिया है, जिसमें वे देश की जीडीपी व आर्थिक स्थिति का हवाला देकर पुरानी पेंशन को बहाल नहीं करने की दिशा में है। वहीं, एन.पी. एस. ज्यादा कारगर है, यह दिखा रहे हैं, यदि ऐसा है तो तो राज्य व केंद्र के सभी वर्गों जिन्हें पेंशन की पात्रता बनती है उन्हें एक ही पेंशन दिया जाना चाहिए.

सुनील ने कहा, जबकि देश के राजनीति में रहने वाले विधायको, सांसदों को पुरानी पेंशन देकर उनके बुढ़ापे को सुरक्षित किया जा रहा है। वहीं, कर्मचारियों को नई पेंशन योजना में अधिक रिटर्न मिलने की बात की जाती है। जो लोग रिटायर हुए हैं। उन्हें वर्तमान में इतना भी राशि नहीं मिल पाती है जिनसे वे अपने 15।दिन का खर्च की।पूर्ति कर सके। ऐसे में इन पी एस कहा फायदेमंद है ये बात समझ नहीं आती है।

यादव ने कहा, कर्मचारियों के माह के पेंशन के नाम पर प्रति माह बचत राशि को मार्केट के उतार चढ़ाव की भेंट चढ़ा रहे हैं, जब मार्केट में उछाल आता है तब जमा राशि पर ब्याज वही मिलेगा जो एक निश्चित की जाती है, अधिक राशि का प्रभाव जमा पूंजी पर नहीं होता है। कुल जमा राशि एक मुश्त एक निश्चित प्रतिशत मिलेगा उसके बाद जो राशि बच जाएगी उसी का ब्याज आपको पेंशन के रूप में दी जावेगी, जो कि अत्यधिक जोखिम भरा हुआ है ।

सुनील ने कहा कि हम कर्मचारियों के NPS की जमा राशि जब केंद्र सरकार से मिलेगी तो उसका आधा पैसा राज्य सरकार रखेगी और आधे को जीपीएफ बनाकर जमा करेगी, इसमें पेंच है।

सुनील यादव ने कहा कि कर्मचारी को वर्तमान समय मे कुछ समझ नहीं आ रहा है, वर्तमान समय में उनके कटौती का पैसा कहा जमा हो रहा है और पुरानी जमा राशि का क्या हो रहा है। विधान सभा मे कुछ नेताओं ने कर्मचारियों के बुढ़ापे की चिंता करते हुए प्रश्न लगाए हैं किंतु दिया गया जवाब संतोषप्रद नही लग रहा है।

लिपिक नेता ने कर्मचारियों के प्रति चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हम कर्मचारियों के हित मे शासन को पुरानी पेंशन दिए जाने हेतु स्पष्ट निर्णय लेकर नए जीपीएफ खाते का संधारण किये जाने हेतु आदेश प्रसारित किया जाना चाहिए व वर्तमान में जो रिटायर्ड हो रहे हैं या मृत हो रहे हैं उनको पुरानी पेंशन योजना जो कर्मचारियों का हक अधिकार है, दिया जाना चाहिए और न्यूनतम पेंशन में उन्हें पेंशन निर्धारित किये जाने शासन की ओर से स्पष्ट आदेश प्रसारित किया जाना चाहिए।

सुनील ने कहा कि नए सरकार के बैठने से कर्मचारियों में आशा की एक नई किरण उम्मीद जगी है कि राज्य व केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार है तो उन्हें समय से महंगाई भत्ता मिलेगा,पेंशन योजना का लाभ मिलेगा, मृत कर्मचारियों को नि:शर्त अनुकम्पा नियुक्ति मिलेगी, उनके वेतनमान में सुधार होगा, चिकित्सा भत्ता में बढ़ोतरी होगी, एक निश्चित अवसर पर पदोन्नति का लाभ मिलेगा। शासन व कर्मचारियों के बेहतरी की दिशा में कब शासन निर्णय लेकर शासन की योजनाओं को अमली जामा पहनाने वाले राज्य को उपलब्धियों के शिखर पर पहुंचने नींव की ईंट बनने वाले कर्मचारियों को आंदोलन करने मजबूर न होना पढ़े ये सब वर्तमान शासन के नेक नियति पर निर्भर करता है।

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