
प्रभारी खाद्य नियंत्रक अनुराग भदोरिया से भी पूछताछ की जानी चाहिए
बिलासपुर: कोटा के खाद्य निरीक्षक शेख अब्दुल कादिर को सरकारी काम में लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, कलेक्टर अवनीश शरण ने कोटा एसडीएम से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर आज निलंबन की कार्रवाई करते हुए आदेश जारी किये हैं. जारी आदेश के अनुसार, कादिर पर अपने प्रभार क्षेत्र कोटा की राशन दुकानों का सतत् निरीक्षण नहीं करने, आम जनता की समस्याओं को ध्यान में नहीं रखने तथा राशन संबंधी उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किये जाने का आरोप लगाया गया है। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 की प्रावधानों के तहत निलंबन किया गया है. निलंबन अवधि में खाद्य निरीक्षक को जिला कार्यालय के खाद्य शाखा में अटैच किया गया है. उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी.
यहाँ तक तो ठीक है पर यहाँ एक बात समझ में नहीं आ रही है कि प्रभारी खाद्य नियंत्रक अनुराग भदोरिया को अब्दुल कादिर की लापरवाही शुरू से नजर क्यों नहीं आई. इसका मतलब यह भी समझा जा सकता है कि अनुराग भदोरिया कोटा को लेकर उतने गंभीर नहीं थे जितना होना चाहिए. अगर होते तो शायद शुरू में ही अब्दुल कादिर पर एक्शन हो जाता.
लोगों में इस बात को भी लेकर चर्चा हो रही है कि कलेक्टर की TL बैठक हर हफ्ते होती, जिसमें सारे विभागों की रिपोर्ट आती है. बावजूद इसके शेख अब्दुल कादिर की लापरवाही सामने नहीं आई.
अब प्रश्न उठता है कि क्या टीएल बैठक में अनुराग भदोरिया कोटा की सही रिपोर्ट कलेक्टर के सामने पेश नहीं करते थे?
कायदे से तो अनुराग भदोरिया से भी पूछताछ की जानी चाहिए.
अब्दुल