बिलासपुर के होनहार बालकलाकार को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान – तबला वादन में मिला छात्रवृत्ति चयन

 बिलासपुर नगर के प्रतिभाशाली बाल तबला वादक श्री आरव रूपेश भुरंगी ने एक बार फिर जिले और प्रदेश का नाम रोशन किया है। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीनस्थ सी.सी.आर.टी. (सेंटर फॉर कल्चरल रिसोर्सेज एंड ट्रेनिंग) द्वारा आयोजित साक्षात्कार में आरव का चयन तबला वादन के क्षेत्र में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति हेतु किया गया है।

आरव रूपेश भुरंगी न सिर्फ संगीत में बाल्यकाल से प्रतिभाशाली रहे हैं, बल्कि वे एक समृद्ध संगीत परंपरा के वारिस भी हैं। वे प्रसिद्ध तबला वादक श्री रूपेश विजय भुरंगी के सुपुत्र हैं तथा प्रख्यात तबला गुरु श्री विजय भुरंगी एवं जानी-मानी गायिका श्रीमती वैशाली भुरंगी के पौत्र हैं।

आरव की इस उपलब्धि से बिलासपुर नगर ही नहीं, बल्कि पूरा छत्तीसगढ़ प्रदेश गर्वान्वित हुआ है। संगीत प्रेमियों व कलाप्रेमी समुदाय में उनके चयन को लेकर हर्ष की लहर है।

संगीत और संस्कृति में नई पीढ़ी की इस तरह की भागीदारी भारतीय विरासत को मजबूती प्रदान करती है और भविष्य की एक सकारात्मक दिशा तय करती है।

  • Related Posts

    बिलासपुर: SSP रजनेश सिंह की सख़्ती भी नहीं रोक पा रही स्टंटबाज़ों की सनक

    बिलासपुर की सड़कों पर पिछले कुछ महीनों से जिस तरह का खतरनाक ट्रेंड देखने को मिल रहा है, वह सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि सामाजिक गैर-जिम्मेदारी की पराकाष्ठा है। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है—पाँच महीनों में 14 मामले दर्ज, 33 वाहन जब्त, 72 आरोपी गिरफ्तार। लेकिन सवाल यह है कि आखिर स्टंटबाज़ों पर यह कड़ी कार्रवाई भी असरदार क्यों नहीं हो रही? सड़कें रेस ट्रैक नहीं हैं, और न ही खुलेआम बर्थडे सेलिब्रेशन का मंच। फिर भी कुछ युवा सोशल मीडिया की चकाचौंध और…

    Continue reading
    छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पर उसलापुर में महका ‘व्यंजन मेला’, छात्रों ने परोसी संस्कृति की सुगंध

    बिलासपुर: महाराणा प्रताप महाविद्यालय उस्लापुर में छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस के मौके पर पारंपरिक स्वाद और संस्कृति की अनोखी महक बिखेरते हुए छत्तीसगढ़ी व्यंजन मेला धूमधाम से आयोजित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ शिवाजी राव शिक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ. बी.एल. गोयल और प्राचार्य डॉ. अनिता सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। उद्घाटन के बाद विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ी भाषा के महत्व, उसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और स्थानीय बोलियों की प्रतिष्ठा के बारे में अवगत कराया गया। मेले में छात्रों ने फरा, चौसेला, चीला, धुस्का, भजिया जैसे पारंपरिक व्यंजनों…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *