बिलासपुर को खोदापुर का तमग़ा देने वाली बीजेपी सरकार फिर उसे पीछे ढकेल रही है- शैलेश

डबल इंजन की सरकार का बिलासपुर के साथ सौतेला व्यवहार,मोदी सरकार बिलासपुर का विकास नहीं चाहती- शैलेश

एयरपोर्ट की ज़मीन का पैसा लौटाना दुर्भावनापूर्ण है,संघर्ष समिति का संघर्ष बेकार नहीं जाएगा- शैलेश

बिलासपुर: जब कांग्रेस की सरकार आई थी तभी बिलासपुर एयरपोर्ट को नयी उड़ान मिली थी और 3C केटेगरी का बिलासपुर एयरपोर्ट को लाइसेंस मिला था और कांग्रेस की सरकार की और बिलासपुर के जनप्रतिनिधियों की राजनीतिक इक्षा शक्ति थी, तभी केवल यह संभव हो पाया था और विधानसभा में एकजुट होकर सरकार से एयरपोर्ट के उन्नयन का पैसा माँगा गया था और सरकार ने सहर्ष पैसा दिया था और बिलासपुर वासियों को हवाई सेवा की सौगात दिया था और आज भी बिलासपुर एयरपोर्ट अगर उड़ाने भर रहा है तो ये केवल कांग्रेस की सरकार की देन है।

 उक्त बातें बोलते हुए पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने मीडिया से कहा कि पूर्ववर्ती सरकार से विधानसभा में लगातार माँग करने के बाद नाईट लैंडिंग का पैसा लिया गया और आज नाइट लैंडिंग का काम पूरा होने को आ रहा है ये भी कांग्रेस सरकार का दिया हुआ पैसा है और जब 4C केटेगरी के लिए सेना से ज़मीन के लिए पैसा देने की बात आयी तो भी कांग्रेस की सरकार पीछे नहीं हटी और केंद्र की मोदी सरकार से लगातार संवाद और पत्राचार किया ताकि बिलासपुर विकास की और ज्यादा उड़ान उड़ सके।

पांडे ने कहा कि  बिलासपुर की संघर्ष समिति द्वारा लगातार वर्षों से बिलासपुर को लेकर सभी साथियों द्वारा माँग किया जा रहा है ताकि बिलासपुर एयरपोर्ट का काम आगे बढ़ा और आज भी संघर्ष समिति लगातार अपनी माँग पर धरने पर बैठी है लेकिन अब लगता है जब से डबल इंजन की सरकार आई है तबसे बिलासपुर के साथ भेदभाव किया जा रहा है और केवल बीजेपी के नेताओं द्वारा फोटो खिचा कर बस वाह वाही लूटने का काम किया और ज़मीन में कोई काम नहीं दिख रहा है और उल्टा सेना ने ज़मीन का पैसा भी लौटा दिया है,ये कहीं न कहीं बीजेपी के नेताओं की कमजोर इक्षा शक्ति का उदाहरण है।

 शैलेश ने कहा कि बीजेपी की सरकार ने बिलासपुर को खोदापुर का तमगा दिया था और पूरे शहर को खोद दिया था लगता है फिर वही दिन बीजेपी बिलासपुर का लाने वाली है और वैसे भी शहर को खोदना शुरू कर ही दिया है और बिलासपुर को कभी भी आगे नहीं बढ़ने दिया गया,आज भी बिलासपुर के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और बिलासपुर के विकास में बाधा डाली जा रही है।

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