बिलासपुर: 93 लीटर महुआ शराब और 795 किलो लाहन जब्त

आबकारी अधिकारी कल्पनाराठौर मीडिया का फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा 

बिलासपुर। जिले में अवैध शराब के धंधे के खिलाफ आबकारी विभाग द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि शासन इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। 22 मई 2025 को जिले एवं संभागीय उड़नदस्ता की संयुक्त टीम द्वारा चार स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई। इन कार्यवाहियों में कुल 93 लीटर महुआ शराब और 795 किलोग्राम महुआ लाहन जब्त किया गया, जो नष्ट कर दिया गया।

अभियान की प्रमुख उपलब्धियां

  • छापों की संख्या: 4
  • दर्ज प्रकरण: 4
  • जब्त शराब: 93 लीटर महुआ
  • जब्त महुआ लाहन: 795 किलोग्राम
  • गिरफ्तार आरोपी: 3
  • अजमानतीय प्रकरण: 3

गिरफ्तार आरोपी एवं स्थान

  1. सत्यम लोनिया पिता मोतीलाल लोनिया, निवासी गुड़ी (थाना सीपत) – 18 लीटर महुआ शराब
  2. राम सागर पिता सुख सागर लोनिया, निवासी गुड़ी (थाना सीपत) – 10 लीटर महुआ शराब
  3. अभिषेक पिता सखाराम राम, निवासी खाड़ा (थाना सीपत) – 15 लीटर महुआ शराब
  4. हरप्रसाद पिता रामसाय, निवासी मोहरा (थाना सीपत) – 8 लीटर महुआ शराब

इन सभी मामलों में छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम की धारा 34(2), 59(क) के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

अवैध शराब का कारोबार समाज के ताने-बाने को कमजोर करता है। इससे न केवल अपराध को बढ़ावा मिलता है, बल्कि ग्रामीण और निम्न आयवर्ग के परिवारों को आर्थिक और सामाजिक रूप से बर्बादी की ओर धकेलता है। बिलासपुर जिले में महुआ से बनी कच्ची शराब का धंधा वर्षों से सक्रिय रहा है, लेकिन प्रशासन की सक्रियता अब इन गतिविधियों पर लगातार लगाम कस रही है।

यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि जब्त की गई लाहन की मात्रा इस बात का संकेत देती है कि यह धंधा केवल स्थानीय खपत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके नेटवर्क व्यापक हैं। ऐसे में आबकारी विभाग और पुलिस की संयुक्त रणनीति आवश्यक और प्रभावशाली है।

इस छापामार कार्रवाई की जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी कम है। लेकिन यह भी ध्यान देने की आवश्यकता है कि केवल छापे मारने से समस्या का स्थायी समाधान नहीं होगा। शासन को इस बात की भी समीक्षा करनी चाहिए कि आखिर किन सामाजिक और आर्थिक कारणों से लोग अब भी इस धंधे से जुड़े हुए हैं।

स्थानीय स्तर पर शराब विरोधी जन-जागरूकता अभियान, वैकल्पिक रोजगार के अवसर और ग्राम पंचायत स्तर पर निगरानी तंत्र को मजबूत करना आज की आवश्यकता है।

इसके साथ ही, शराब निर्माण की सामग्री जैसे महुआ लाहन की आपूर्ति चेन को तोड़ने के लिए विशेष रणनीति बनाई जानी चाहिए। पुलिस, प्रशासन और समाज तीनों की संयुक्त भागीदारी से ही हम आने वाली पीढ़ियों को इस ज़हर से बचा सकते हैं।

 

  • Related Posts

    बिलासपुर में रफ्तार की सनक पर SP रजनेश सिंह का एक्शन: स्टंट करते चार युवक गिरफ़्तार, बना रहे थे सेल्फी और वीडियो

    बिलासपुर– न्यू रिवर व्यू रोड पर देर रात तेज रफ्तार कार में स्टंट करते हुए चार युवकों को सिविल लाइन पुलिस ने धरदबोचा। कार क्रमांक CG-10 BP-9101 में सवार युवक खुलेआम सनरूफ से बाहर निकलकर वीडियो और सेल्फी लेते हुए न केवल अपनी, बल्कि राहगीरों की जान को भी खतरे में डाल रहे थे। सिविल लाइन थाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी चार युवकों के खिलाफ अपराध क्रमांक 856/2025 के तहत धारा 281, 3(5) बीएनएस, एवं 184, 189 मोटर व्हीकल एक्ट के…

    Continue reading
    बिलासपुर पुलिस को मिली नई ताकत, ITMS भवन में पुलिस नियंत्रण कक्ष और डायल 112 कार्यालय का शुभारंभ

    बिलासपुर: थाना सिविल लाइन परिसर स्थित पुलिस नियंत्रण कक्ष और डायल 112 कार्यालय को अब स्मार्ट सिटी योजना के तहत थाना तारबाहर परिसर में नव निर्मित आईटीएमएस बिल्डिंग में स्थानांतरित कर दिया गया है। सोमवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह और कलेक्टर संजय अग्रवाल ने इस नए भवन का विधिवत उद्घाटन किया। आईटीएमएस भवन में पुलिस नियंत्रण कक्ष की स्थापना से अब आईटीएमएस, डायल-112 और नियंत्रण कक्ष तीनों एक ही स्थान से आपसी समन्वय के साथ कार्य करेंगे। इससे किसी भी आपात स्थिति या घटना…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *