बिलासपुर: राजस्व अधिकारी शशिभूषण सोनी एवं शेष नारायण जायसवाल की तरह तहसीलदार अतुल वैष्णव ने भी किया पद का दुरूपयोग

अतुल वैष्णव की मनमानी चरम पर, बिना सीमांकन करवाए तोड़ दिया संतु काछी का घर

अतुल ने पद का दुरुपयोग करते हुए 40 वर्षों से रह रहे एक परिवार के घर को तोड़ा

विष्णु देव् साय सरकार में भी अतुल वैष्णव जैसे राजस्व अधिकारियों की मनमानी जारी

बिलासपुर: जैसे कि हमारे पाठकों को मालूम है कि न्यूज़ हब इनसाइट(NHI) न्यूज़ पोर्टल जनता की आवाज अधिकारको प्रमाण के साथ मजबूती से उठाता है और साथ ही  भ्रष्ट अधिकारियों को भी बेनकाब करता है. आज के अंक में भी हम  राजस्व अधिकारियों की मनमानी को  उजागर करेंगे ताकि भोली भाली जनता के साथ खेला जा रहा खेल पब्लिक के बीच में आए .
मिली जानकारी के अनुसार, प्रकरण क्रमांक 202404072500029 में 12. अप्रेल 2024 को बिलासपुर तहसीलदार अतुल वैष्णव के द्वारा ग्राम मंगला में नीलेश रजक की शिकायत पर संतु काछी के विरुद्ध एक बेदखली का आदेश जारी किया गया जो कि नियम विरुद्ध है.
राजस्व की जानकारी रखने वाले एक अधिवक्ता ने बताया कि उक्त प्रकरण 13 अप्रैल 2024 को रजिस्टर्ड हुआ है, तो फिर एक दिन पहले 12 अप्रैल 2024 को तहसीलदार बिलासपुर ने आदेश कैसे कर दिया ? उन्होंने बताया कि अभी कुछ समय पहले बिलासपुर हाईकोर्ट ने डायवर्सन मामले में उन सभी प्रकरणों की कार्यवाही को अवैध माना था, जो कि ऑनलाइन दर्ज नहीं है; क्योंकि ऐसा एक आदेश शासन ने अक्टूबर 2020 में जारी किया था.
मामला रजिस्टर्ड आदेश के बाद 
तहसीलदार का आदेश 
मनीषा सिंह का मामला
विशेषज्ञ ने न्यूज़ हब इनसाइट को बताया कि प्रकरण का आदेश कब हुआ, इस संबंध में जिस व्यक्ति का घर तोड़ा गया और सामान को रोड पर फेंक दिया गया, उसे किसी प्रकार का कोई जानकारी नहीं दिया गया, और ना ही उसे आदेश की कॉपी दी गई, जबकि नियम यह कहता है कि जिसके विरुद्ध बेदखली का आदेश दिया गया है उसे आदेश के कॉपी दी जाएगी और बेदखली के पूर्व धारा 250 (क) के तहत समय प्रदान किया जाएगा, परंतु इनमें से किसी भी नियम का पालन किए बिना तहसीलदार अतुल वैष्णव ने फिर से एक बार वही काम किया जो कि 1 वर्ष पूर्व मनीषा सिंह के मामले में किया था, जिसमें वह एक शीर्ष अधिकारी अनीता नंदी के दबाव में काम कर रहे थे.
मिली जानकारी के अनुसार, तहसीलदार अतुल वैष्णव के कार्यालय में चलने वाले किसी भी प्रकरण को ऑनलाइन दर्ज नहीं किया जाता है, जो अपने आप में एक गंभीर विधिक त्रुटि है, जो कि तहसीलदार अतुल वैष्णव के मनमाने रवैया को बताता है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिस घर को तोड़ने का आदेश तहसीलदार अतुल वैष्णव के द्वारा दिया गया उस घर में छह लोग का परिवार पिछले 40 वर्षों से रह रहा था, बिना सीमांकन के तोड़ने की कार्यवाही कर दी गई जबकि धारा 250 की कार्यवाही के लिए सीमांकन के नियमों का पालन किया जाना आवश्यक है.  पूरा परिवार जिसमें दो छोटे बच्चे भी हैं एक 11 साल का और एक 12 साल का, अब सड़क पर रहने को मजबूर हैं.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को ऐसे राजस्व अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करना चाहिए, नहीं तो इन लोगों के होसले दिन पर दिन बढ़ते जायंगे, जो कि चिंता का विषय है. 
  • Related Posts

    बिलासपुर छठ घाट की तैयारी में जुटा नगर निगम — निरीक्षण पर पहुंचीं मेयर पूजा विधानी, समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश

    विश्व के सबसे बड़े स्थायी छठ घाट तोरवा में सफाई, प्रकाश और पार्किंग व्यवस्था युद्धस्तर पर जारी बिलासपुर। दीपावली के बाद मनाए जाने वाले छठ महापर्व की तैयारी बिलासपुर में जोरों पर है। शहर के विभिन्न छठ घाटों में से सबसे बड़ा और प्रमुख तोरवा छठ घाट एक बार फिर मुख्य आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है। दावा किया जाता है कि यह विश्व का सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट है। आगामी 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक होने वाले छठ महापर्व को लेकर घाट…

    Continue reading
    बिलासपुर में महाराष्ट्रीयन परिवारों में महालक्ष्मी पूजन की धूम

    बिलासपुर। भाद्रपद माह की षष्ठी से लेकर अष्टमी तक नगर के महाराष्ट्रीयन परिवारों में महालक्ष्मी पूजन का विशेष आयोजन धूमधाम से शुरू हो गया है। परंपरा अनुसार 31 अगस्त से 2 सितंबर तक घर-घर में देवी महालक्ष्मी की स्थापना की गई। विवाहित महिलाएँ इस पूजन का पालन अपने सौभाग्य, बच्चों की उन्नति और परिवार की समृद्धि के लिए करती हैं। पहले दिन ज्येष्ठा और कनिष्ठा देवियों का आगमन निश्चित मुहूर्त में हुआ। उनके साथ पुत्र और पुत्री की प्रतिमाओं की भी स्थापना की गई। प्रवेश द्वार…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *