CG: राज्य में अब तक 91.07 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी

 किसानों को 20,208 करोड़ रूपए का भुगतान अब तक 56.67 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव

रायपुर:  छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के तहत एक नवंबर 2023 से धान खरीदी का महाअभियान निरंतर जारी है। राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान की खरीदी की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा अब तक किसानों से 91.07 लाख मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा चुकी है। धान के एवज में किसानों को 20,208 करोड़ रूपए से अधिक राशि का भुगतान किया गया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान विक्रय का लाभ पूर्व में धान बेच चुके किसानों को भी मिलेगा। इसका आशय यह है कि एक नवम्बर से अब तक पूर्व निर्धारित मात्रा के अनुरूप धान बेच चुके किसान, शेष मात्रा का धान, उपार्जन केन्द्र में 31 जनवरी तक बेच सकेंगे। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में राज्य के किसानों से इस साल 21 क्विंटल धान की खरीदी 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर से होने से किसानों को प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान बेचने पर 65,100 रूपए मिलेगा। इस प्रकार देखा जाए तो इस साल धान विक्रय पर किसानों को गत वर्ष की तुलना में 25,500 रूपए का अतिरिक्त लाभ होगा। मार्कफेड के महाप्रबंधक  दिलीप जायसवाल ने बताया कि 09 जनवरी 2024 के शाम तक की स्थिति में राज्य में समर्थन मूल्य पर अब तक 18 लाख 03 हजार 762 किसानों से 91 लाख 07 हजार 487 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। इसके एवज में किसानों को 20 हजार 208 करोड़ रूपए से अधिक राशि का भुगतान बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत किया गया है। धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए निरंतर धान का उठाव जारी है। अब तक 78 लाख 84 हजार 524 मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है। जिसके विरूद्ध में मिलर्स द्वारा 56 लाख 67 हजार 325 मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है। इस साल राज्य में 130 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी अनुमानित है।

  • Related Posts

    CG: कांग्रेस के 41 जिलों में बड़ा बदलाव—क्या नई टीम पार्टी की सांसों में नई ऊर्जा भरेगी?

      छत्तीसगढ़ की राजनीति में आजमाए हुए चेहरों से लेकर नए नेताओं तक—कांग्रेस ने एक साथ 41 जिलों में नया नेतृत्व तैनात करके यह साफ कर दिया है कि संगठन अब आधे-अधूरे प्रयोगों पर नहीं, बल्कि बूथ से लेकर जिला स्तर तक ठोस पकड़ बनाने की कोशिश में है। यह बदलाव सिर्फ एक सूची नहीं है—यह पार्टी की दबी हुई बेचैनी, ठहराव की थकान और नई उम्मीदों की खिड़की खोलने की कोशिश भी है। क्या नए कप्तान कांग्रेस की दिशा बदल पाएंगे? कांग्रेस ने लंबे समय…

    Continue reading
    CG: राजिम में राष्ट्रीय सेमिनार का सफल समापन — “प्रकृति, विकृति और संस्कृति—तीनों में ‘कृति’ का संकेत”—डॉ. विनय कुमार पाठक

    राजिम। शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजिम में PM-USHA द्वारा प्रायोजित “सतत् विकास के लिए पर्यावरण प्रबंधन” विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार (6–8 नवम्बर) का सफल समापन हुआ। कार्यक्रम संस्था प्रमुख डॉ. सविता मिश्रा के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि थावे विश्वविद्यालय, बिहार के कुलपति डॉ. विनय कुमार पाठक ने कहा—“वन के बिना जीवन अधूरा है। प्रकृति, विकृति और संस्कृति—इन तीनों शब्दों में ‘कृति’ निहित है। जब मानव व्यवहार संतुलित व उत्तरदायी होता है तभी प्रकृति से सामंजस्य संभव है।” विशिष्ट अतिथि डॉ. गोवर्धन…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *