बिलासपुर। नगर निगम बिलासपुर का पानी टैंकर कबाड़ विवाद अब बड़े घोटाले का रूप लेता जा रहा है। जोन क्रमांक-2 के तत्कालीन जोन कमिश्नर प्रवेश कश्यप और पार्षद/एमआईसी सदस्य सीमा सिंह के बीच आरोप–प्रत्यारोप का सिलसिला इतना तीखा हो गया है कि अब निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
प्रवेश कश्यप की सफाई
न्यूज़ हब इनसाइट से बातचीत में प्रवेश कश्यप ने साफ कहा—
“पानी टैंकर अभी भी पंप हाउस में सुरक्षित है। कबाड़ में बेचने का सवाल ही नहीं उठता। न सीमा सिंह से बात हुई, न आयुक्त से। वे मुझ पर आरोप क्यों लगा रही हैं, यह समझ से परे है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि संभवतः संपदा अधिकारी की किसी लंबित फाइल को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है। साथ ही यह भी याद दिलाया कि पदभार ग्रहण किए उन्हें मात्र 10 दिन ही हुए थे।
संजय सिंह का पलटवार
लेकिन, सीमा सिंह के पति संजय सिंह ने कश्यप की सफाई को झूठ करार देते हुए जोरदार पलटवार किया।
उन्होंने आरोप लगाया—
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“मेरी कोई फाइल संपदा में लंबित नहीं है। असली खेल यह है कि जेम पोर्टल से खरीदी गई जेसीबी मशीन को प्रवेश कश्यप ने संविदा कर्मचारी सूर्यवंशी के जरिए बेच दिया।”
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“यही नहीं, कश्यप पर पैसा लेकर एक रसूखदार को जमीन पर कब्जा दिलाने का भी आरोप है, जिससे असली मालिक न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है।”
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“उनके कार्यकाल में रेलिंग और पार्षद निधि से आया ऑटो गायब हो गया।”
MIC बैठक में बवाल का संकेत
संजय सिंह के मुताबिक, पार्षद सीमा सिंह ने आज की MIC बैठक में इस पूरे मामले को प्रमुखता से उठाया, जिस पर महापौर पूजा विधानी ने जांच का आश्वासन दिया।
अल्टीमेटम और चेतावनी
संजय सिंह ने साफ कहा—
“अगर प्रवेश कश्यप पर जांच नहीं हुई तो मैं धरना-प्रदर्शन करूंगा। निगम में कबाड़ और जेसीबी घोटाले की परतें खुलनी ही चाहिए।”
इस तरह एक पानी टैंकर विवाद अब जेसीबी बिक्री, जमीन कब्जा और नगर निगम में गुम हुई संपत्तियों तक जा पहुंचा है। सवाल यह है कि आखिर नगर निगम के इस घोटाले का सच कब और कैसे सामने आएगा?














