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बिलासपुर: राजस्व मंत्री के निर्देश पर पटवारी कौशल यादव के विरुद्ध शिकायतों की जांच के लिए कलेक्टर अवनीश शरण ने अपर कलेक्टर आरए कुरुवंशी की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की है। समिति 10 बिंदुओं पर आधारित शिकायतों की जांच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी। सभी शिकायतें ग्राम बिजौर और मोपका में यादव की पदस्थापना के दौरान की हैं। वहीं, पूर्व में अलग से की गई शिकायतों की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के लिए जिला कलेक्टर जांजगीर चांपा को पत्र भेजा गया है। यादव की पदस्थापना फिलहाल जांजगीर जिले में है।
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, तत्कालीन हल्का पटवारी कौशल यादव द्वारा मौजा बिजौर के पदस्थापना के दौरान मौजा बिजौर स्थित खसरा नं. 396, 398 जो कि निस्तार पत्रक / वाजिब उल अर्ज में शासकीय / कोटवारी भूमि के रूप में दर्ज है, के क्रय विक्रय तथा नामांतरण प्रतिवेदन में गंभीर अनियमितताएँ की गई है। तथा तहसील बिलासपुर स्थित मौजा मोपका में पदस्थ रहने के दौरान मोपका स्थित खसरा नं. 992/9 जो की शासकीय पट्टे से प्राप्त भूमि है, के क्रय विक्रय तथा छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (7-ख) का उल्लंघन कर नामांतरण कराये जाने की प्रक्रिया में तत्कालीन हल्का पटवारी कौशल यादव द्वारा गंभीर अनियमितताएँ की गई है। चूंकि हल्का पटवारी कौशल यादव जांजगीर जिले में पदस्थ है। अतः उनके द्वारा उक्तानुसार की गई अनियमितताओं के संबंध में जॉच प्रतिवदेन के तथ्यों के आधार पर उनके विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई किये जाने का कष्ट करे
पटवारी के विरुद्ध शिकायतों की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है।
कलेक्टर का लेटर
कलेक्टर लेटरअधिवक्ता प्रकाश सिंह से मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम बिजौर प.ह.न. 30 तहसील व जिला बिलासपुर स्थित ख.न. 396/1 रकबा 0.36 एकड़, ख.न. 396/2 व 396/3 कुल रकबा 0.62 एकड़, 398/1 में से रकबा 0.80 एकड़ एवं पुनः रकबा 0.80 एकड़ भूमियों के नामांतरण हेतु नामांतरण प्रतिवेदन तत्कालीन हल्का पटवारी कौशल यादव द्वारा प्रस्तुत किया गया। उक्त भूमि के संदर्भ में ग्राम बिजौर के निस्तार पत्रक का अवलोकन करने पर यह पाया गया कि ख.न. 396 रकबा 0.98 एवं ख.न. 398 रकबा 2.60 एकड़ भूमि निस्तार पत्रक में कोटवारी भूमि के रूप में दर्ज है।
प्रकाश सिंह से मिली जानकारी के अनुसार, उपरोक्त भूमियों का परीक्षण करने पर यह पाया गया कि ख.न. 396/1. 396/2, 396/3, 398/1 रकबा 0.36, 0.25, 0.37, 1.59 एकड़ भूमि के विकय हेतु राजस्व अभिलेखों में डिजिटल सिग्नेचर तत्कालीन हल्का पटवारी कौशल यादव द्वारा 25 मार्च 2022 एवं 26 मार्च 2022 को जारी किया गया था। किंतु कौशल यादव के द्वारा स्वयं 8 मार्च 2022 को तहसीलदार बिलासपुर को कोटवारी भूमि के संदर्भ में प्रेषित अपने प्रतिवेदन में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि ख.न. 396, 398 रकबा 0.99, 2.60 एकड़ निस्तार पत्रक वाजिब उल अर्ज अभिलेखों में कोटवारी भूमि के रूप में दर्ज है।
अधिवक्ता प्रकाश सिंह से मिली जानकारी के अनुसार, इस प्रकार तत्कालीन हल्का पटवारी कौशल यादव द्वारा स्पष्ट रूप से यह जानते हुए कि ख.न. 396, 398 कोटवारी भूमि है उक्त भूमियों के विक्रय हेतु डिजिटल सिग्नेचर जारी किया गया। 25 मार्च 2022 एवं 26 मार्च 2022 को डिजिटल सिग्नेचर जारी होने के तत्काल पश्चात 26 मार्च 2022 को उक्त भूमियों का पंजीकृत विकय पत्र के माध्यम से विक्रय हो जाना शासकीय भूमि / सेवा भूमि के कय विकय में हल्का पटवारी कौशल यादव की संलिप्तता को प्रमाणित करता है।
प्रकाश सिंह से मिली जानकारी के अनुसार, 27 मई 2022 को कोटवारी भूमि ख.न. 396/1, 396/2, 396/3, 398/1 रकबा 0.36, 0.25, 0.37, 1.59 एकड़ भूमि के नामांतरण हेतु प्रस्तुत अपने ऑनलाईन प्रतिवेदन में कौशल यादव द्वारा पीठासीन अधिकारी के समक्ष इस तथ्य को छुपा दिया गया । वि प्रश्नाधीन भूमियां कोटवारी सेवा भूमि है।
अधिवक्ता प्रकाश सिंह ने मीडिया को बताया कि खसरा नंबर 992 /9 ग्राम मौपका में शासकीय पट्टे की चार एकड़ भूमि सेंटर प्वाइंट होटल के मालिक हरवंश आजमानी की पत्नी विमला अजमानी के नाम पर थी, उक्त भूमि को विमला अजमानी के द्वारा अनु मसीह, सुनील सिंह, ओम प्रकाश सिंह, उत्तम कुमार सिंह, विनोद मिश्रा और किशन यादव को टुकड़ों में बिक्री कर दी गई, जिसके नामांतरण का प्रकरण तहसीलदार नारायण प्रसाद गवेल के यहां प्रस्तुत किया गया था, जिसमें से सुनील कुमार सिंह के नामांतरण प्रकरण को तहसीलदार गवेल के द्वारा 19 अक्टूबर 2020 को यह बोलकर खारिज कर दिया गया था कि उक्त भूमि के बिक्री के समय छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 165(7) का उल्लंघन हुआ है। परंतु तत्कालीन पटवारी कौशल यादव के द्वारा सब कुछ जानते हुए भी 23 अक्टूबर 2020 को तत्कालीन भू-अभिलेख अधिकारी दुष्यंत कोसले से नामांतरण पंजी में नामांतरण करवा दिया गया, इसमें से एक भूमि एक एकड़ 10 डेसिमल किशन यादव के नाम पर ली गई है, जो कि कौशल यादव की बहन का पति है और जो रकम रजिस्ट्री पेपर में विमला अजमानी को देने के लिए चेक नंबर से उल्लेख किया गया है उसे चेक को आज तक बैंक में लगाया ही नहीं गया है। इस बात की जानकारी तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी तुलाराम भारद्वाज के द्वारा बैंक से मांगने पर प्राप्त हुई थी।
चेक के संबंध में लेटर
कौशलउक्त गड़बड़ी की शिकायत अधिवक्ता प्रकाश सिंह के द्वारा करने पर जांच में गड़बड़ी सामने आने पर कौशल यादव को निलंबित कर दिया गया था।