
बिलासपुर में कच्ची शराब की धड़ल्ले से बिक्री, प्रशासनिक कार्रवाई भी बेअसर!
बिलासपुर: आबकारी विभाग, बिलासपुर की संयुक्त टीम ने बोदरी-चकरभांठा क्षेत्र में अवैध शराब के विरुद्ध कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस कार्रवाई में 250 लीटर महुआ शराब तथा 1790 किलोग्राम महुआ लाहन जब्त की गई। मौके पर ही महुआ लाहन को नष्ट कर दिया गया एवं कुल 06 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
एक नजर में कार्यवाही
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दिनांक: 19 मई 2025
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छापेमारी की संख्या: 06
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कायम प्रकरण: 06
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गिरफ्तार आरोपी: 04
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जब्त शराब: 250 लीटर महुआ शराब
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जब्त महुआ लाहन: 1790 किलोग्राम
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धारा: छ.ग. आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) एवं 59(क) के तहत प्रकरण दर्ज
प्रमुख आरोपी एवं बरामदगी
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जागेंद्र वर्मा, निवासी वार्ड-9 वर्मा मोहल्ला, थाना चकरभांठा – 25 लीटर महुआ शराब
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राजेश वर्मा, निवासी वार्ड-9 वर्मा मोहल्ला – 35 लीटर महुआ शराब
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रवि वर्मा, निवासी वार्ड-9 वर्मा मोहल्ला – 40 लीटर महुआ शराब
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संतु वर्मा, निवासी वार्ड-9 वर्मा मोहल्ला – 15 लीटर महुआ शराब व 45 किग्रा महुआ लाहन
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नउआ तालाब क्षेत्र, वर्मा मोहल्ला – 75 लीटर शराब व 1525 किग्रा महुआ लाहन
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बोदरी नाला, वर्मा मोहल्ला – 60 लीटर शराब व 220 किग्रा महुआ लाहन
टीम और नेतृत्व
कार्रवाई का नेतृत्व सहायक जिला आबकारी अधिकारी श्रीमती कल्पना राठौर, बिल्हा क्षेत्र प्रभारी छबि पटेल, आबकारी उप निरीक्षक भूपेंद्र जामडे व ऎश्वर्या मिंज द्वारा किया गया। टीम में मुख्य आरक्षक अनिल पांडे, जयशंकर कमलेश, कल्याण कहरा, वीरभद्र जायसवाल, आरक्षक श्रीकांत राठौर, प्रभुवन बघेल एवं वाहन चालक संदीप खलखो व जितेन्द्र शर्मा भी सम्मिलित रहे।
लगातार हो रही कार्रवाई
विदित हो कि बोदरी वर्मा मोहल्ला क्षेत्र में आबकारी विभाग द्वारा पूर्व में भी लगातार कार्रवाई की जाती रही है। इस कैलेंडर वर्ष 2025 में अब तक दर्जनभर से अधिक प्रकरण, जिनमें कई गैर-जमानती धाराओं के अंतर्गत भी, दर्ज किए जा चुके हैं।
विशेष विश्लेषण
अवैध शराब पर कार्रवाई तेज़, लेकिन माफियाओं के हौसले अब भी बुलंद
बिलासपुर जिले में कच्ची शराब के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने बोदरी-चकरभांठा क्षेत्र में एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। 19 मई 2025 को की गई इस छापेमारी में 250 लीटर महुआ शराब और 1790 किलोग्राम महुआ लाहन जब्त की गई। कुल 06 प्रकरण दर्ज कर 04 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
हालांकि, प्रशासन की सख्त कार्रवाइयों के बावजूद अवैध शराब व्यापार थमता नहीं दिख रहा है। यह चिंताजनक स्थिति बताती है कि स्थानीय स्तर पर माफियाओं की जड़ें गहरी हैं और उनकी पहुंच अब भी बनी हुई है।
अभियान तेज़ – फिर भी माफिया बेलगाम?
बोदरी-चकरभांठा क्षेत्र पहले भी आबकारी विभाग के रडार पर रहा है, लेकिन बार-बार की छापेमारी के बावजूद इस क्षेत्र में शराब माफियाओं का नेटवर्क सक्रिय बना हुआ है। पिछले कुछ महीनों में यहां एक दर्जन से अधिक प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं – जिनमें कई गैर-जमानती हैं। यह दर्शाता है कि या तो कानूनी प्रक्रिया में कहीं ढिलाई है, या फिर नेटवर्क की जड़ें इतनी मजबूत हैं कि कार्रवाई का असर सीमित हो जाता है।
प्रमुख प्रश्न उठते हैं
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क्या केवल जब्ती और गिरफ्तारी से अवैध शराब पर लगाम लगाई जा सकती है?
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क्या ज़मीनी स्तर पर स्थायी निगरानी और पुनर्वास की आवश्यकता है?
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क्या आरोपियों को कठोर सजा न मिलने से उनका हौसला बढ़ रहा है?
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क्या नशा मुक्ति और जागरूकता अभियान पर्याप्त हैं?
प्रशासन का रुख सख्त
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि अवैध शराब के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति लागू की जाएगी और कोई भी माफिया बच नहीं पाएगा। आबकारी विभाग के अधिकारी लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। किंतु आंकड़े यह सवाल उठाते हैं कि क्या प्रशासनिक कार्रवाई को और अधिक प्रभावी, समन्वित और सतत करने की आवश्यकता है?
निष्कर्ष
बिलासपुर में कच्ची शराब की चुनौती केवल कानून और व्यवस्था का ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक मूलभूत समस्याओं का भी संकेत है। नियमित छापेमारी से तात्कालिक असर दिखता है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान हेतु नीति-निर्माताओं को सामुदायिक भागीदारी, पुनर्वास योजनाएं, कड़ी सज़ा, और निगरानी तंत्र को और अधिक मज़बूत करने की आवश्यकता है।
जब तक जड़ों पर वार नहीं होगा, तब तक माफियाओं के हौसले यूँ ही बुलंद रहेंगे।