
विवादित जिला शिक्षा अधिकारी पर किसी बड़े मंत्री का आशीर्वाद, कलेक्टर का लाचार होना स्वाभाविक है: सूत्र
ACB की रडार में आ चुके TR साहू की जिला शिक्षा अधिकारी पद पर नियुक्ति वरिष्ठता के आधार पर नहीं, बल्कि नियमों के विरुद्ध की गई है: सूत्र
बिलासपुर में शिक्षा व्यवस्था की खामियों और जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) टीआर साहू के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने आज विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। NSUI ने शिक्षा व्यवस्था की ‘शव यात्रा’ निकालने और कलेक्ट्रेट का घेराव करने का ऐलान किया है।
आरोपों के घेरे में DEO टीआर साहू
NSUI का आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी टीआर साहू भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही में शामिल हैं।
मिली जानकारी के अनुसार,कलेक्टर अवनीश शरण के आदेशों की अवहेलना करने का भी उन पर आरोप है।
संगठन का कहना है कि DEO पर कार्रवाई न होने से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है और छात्र-छात्राओं को नुकसान हो रहा है।
कलेक्टर अवनीश शरण की भूमिका पर सवाल
NSUI ने सवाल उठाया है कि कलेक्टर अवनीश शरण को DEO के खिलाफ कार्रवाई करने में देरी क्यों हो रही है। संगठन का कहना है कि अवनीश शरण के संज्ञान में यह मामले पहले से हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
आपको बता दें कि कलेक्टर अवनीश शरण अच्छा करने की सोच रखते हुए कार्य करते हैं. उनके बेस्ट कार्य के ढेरों उदाहरणों में एक है दो राजस्व अधिकारियों को सस्पेंड करने की अनुशंसा करने वाला मामला.
शिक्षा व्यवस्था की शव यात्रा और घेराव
NSUI का विरोध प्रदर्शन दोपहर 1 बजे शुरू होगा, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र और संगठन के कार्यकर्ता शामिल होंगे। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि DEO टीआर साहू को जल्द निलंबित नहीं किया गया, तो विरोध प्रदर्शन को और तेज किया जाएगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल, कलेक्टर अवनीश शरण या जिला प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। प्रशासन पर बढ़ते दबाव को देखते हुए, यह देखना होगा कि DEO पर कार्रवाई को लेकर क्या निर्णय लिया जाता है।
आपको बता दें कि कलेक्टर अवनीश शरण अच्छा करने की सोच रखते हुए कार्य करते हैं. उनके बेस्ट कार्य के ढेरों उदाहरणों में एक है दो राजस्व अधिकारियों को सस्पेंड करने की अनुशंसा करने वाला मामला.
यह प्रदर्शन जिले की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग के साथ हो रहा है। NSUI का कहना है कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।