
धार्मिक और राष्ट्रीय चेतना से ही सुरक्षित रहती है देश की अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान – रमेश चंद्र श्रीवास्तव
बिलासपुर। यदुनंदन नगर स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर परिसर में लोक संचेतना फाउंडेशन ट्रस्ट भारत की छत्तीसगढ़ इकाई और दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर समिति के संयुक्त तत्वावधान में पार्षदों का सम्मान एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं बिल्हा विधानसभा के विधायक धरमलाल कौशिक ने पार्षदों और कवियों को सम्मानित करते हुए कहा, “पार्षदों का सम्मान मेरा सम्मान है। सम्मान होते रहने से कार्य करने की प्रतिबद्धता और प्रेरणा निरंतर बलवती रहती है, जिससे विकास की प्रक्रिया अविरल बनी रहती है। कवि और पत्रकार समाज के पथ प्रदर्शक हैं, जिनकी रचनाएं समाज और देश को नई दिशा देती हैं।”
आयोजन के अध्यक्ष एवं लोक संचेतना फाउंडेशन छत्तीसगढ़ राज्य के अध्यक्ष पूर्व आई.एस.एस. रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी देश की अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान उसकी धार्मिक और राष्ट्रीय चेतना पर निर्भर करती है। उन्होंने सम्मानित पार्षदों और कवियों को बधाई देते हुए कहा कि मंदिर परिसर में यह आयोजन गौरव और सुखद अनुभूति का क्षण है।
कार्यक्रम के संयोजक एवं फाउंडेशन के प्रांतीय सचिव भूपेन्द्र श्रीवास्तव ने मंच संचालन किया और “सिंदूर ऑपरेशन” पर ओजपूर्ण कविता से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर श्रीमती पूर्णिमा तिवारी, अशोक शर्मा, विपुल तिवारी, दीपक दुबे ‘सागर’ और हीरालाल चाहिल ने देशभक्ति और भक्तिपरक कविताएं प्रस्तुत कर दर्शकों का दिल जीत लिया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. संगम त्रिपाठी (जबलपुर) और डॉ. शिवशरण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के संचालक जी.एस. चटर्जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रोता, श्रद्धालु एवं यदुनंदन नगर के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।