बिलासपुर: प्रदेश में लगभग 25 लाख ज्येष्ठ नागरिक है और आबादी का लगभग दस प्रतिशत लोग वरिष्ठ नागरिक है, जिसमें 80% लोग ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत है और वरिष्ठ महिलाओं की संख्या में दस लाख से ऊपर है, जिनको देखभाल की जरूरत है और वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार को उनके कल्याण के लिए और उनको सहारे के लिए एक आयोग या कि कल्याण परिषद का गठन करना चाहिए। उक्त बातें पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने कही।
पांडे ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के पेंशन प्रकरण, स्वास्थ्य सुविधाएँ और सेवाएँ, वरिष्ठ नागरिकों पर जो अत्याचार होते है एसे प्रकरण और उनके स्वतंत्र अधिकार जिससे कि वो अपना जीवन का उत्तरार्द्ध अच्छे से गुजार सके।बुजुर्गों की मदद करना, ईश्वर की सेवा करना भारत की संस्कृति रही है और सभी बुजुर्ग इस बात को महसूस करते है कि उनका बुढ़ापा कैसे करेगा और बुढ़ापे की चिंता में उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, बुढ़ापे का सहारा न होने से उनके जीवन में समस्याएँ आती है,सरकार को इसके लिए कुछ करना चाहिए, इसके लिये क्लब और पार्क को बनाना चाहिए ताकी वो स्वस्थ रह सके, उन्हें हॉस्पिटल में पूर्ण रूप से फ्री इलाज मिलना चाहिए और प्रत्येक बुजुर्ग को प्राथमिकता के आधार पर उसकी सुनवाई करनी चाहिए और हर संभव आवश्यक मदद करना चाहिये।
शैलेश ने कहा कि सरकार को उनके अनुभव का लाभ लेने के लिए समय समय पर सेमिनार और गोष्ठियों का आयोजन करवाना चाहिए और हर मोहल्ले के बुजुर्गों को वहाँ का संरक्षक बनाना चाहिए ताकि वो नयी पीढ़ी को अपने अनुभव साझा कर सके और देखरेख भी कर सके।हर जिले में सरकारी तौर पर अनुभव भवन सरकार को खुद बनाना चाहिए जिसमें उनके खेलने और मनोरंजन एवं चर्चा के लिए जगह होनी चाहिए और निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन होते रहना चाहिए। इसलिए सरकार को उनके कल्याण के लिए परिषद का गठन करना चाहिए।