बिलासपुर: कांग्रेस कमेटी का प्रतिनिधि मंडल पुलिस महानिरीक्षक से मिला और जिले में बढ़ते अपराध, छोटी-छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म, राह चलते लोगों की हत्या, चैन स्नैचिंग जैसे गंभीर अपराधों पर नियंत्रण करने तथा एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर हुए एफआईआर को वापस लेने की मांग की।
प्रतिनिधि मंडल में जिला प्रभारी, प्रदेश महामंत्री सुबोध हरितवाल, शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी, महापौर, पूर्व विधायक शैलेष पांडेय और गौरव ऐरी शामिल थे।
प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि बिलासपुर जिले में अचानक बच्चियों के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं बढ़ गई हैं। कल मस्तूरी क्षेत्र में एक तीन वर्ष की नाबालिग बच्ची के साथ अप्रिय घटना हुई, जिसने समाज को झकझोर कर रख दिया है। इसके पूर्व में भी अशोक नगर सरकंडा, सिरगिट्टी, और कोनी में नाबालिग बच्चियों के साथ रेप जैसी घिनौनी घटनाएं हो चुकी हैं। लगातार शहर और आसपास के क्षेत्रों में हत्याएं हो रही हैं, चाकू चलना आम बात हो गई है, और चैन स्कैनिंग जैसी घटनाएं भी हो रही हैं, जिससे आम जनता और विशेषकर माताओं, बहनों में एक भय का वातावरण निर्मित हो रहा है। बच्चियां जब तक घर नहीं लौटतीं, गार्जियन चिंतित रहते हैं।
इसी तरह अब होस्टल में रहने वाली बच्चियों को अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। कल मस्तूरी ब्लॉक में अपने अधिकारों के लिए आंदोलनरत बच्चियों के समर्थन में एनएसयूआई के छात्र गए थे। उन्हें पचपेड़ी थाना में पांच घंटे बिठाकर रखा गया और उसके अगले दिन उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई, जबकि एनएसयूआई संगठन का उद्देश्य ही छात्र हित में काम करना है। उनके खिलाफ गलत तरीके से एफआईआर दर्ज की गई है, जिसे वापस लिया जाए।
प्रतिनिधि मंडल ने मांग की कि जिले में पुलिस व्यवस्था को और बेहतर किया जाए, जिससे आम जनता अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके।
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