बिलासपुर: विनय कुमार पाठक के छत्तीसगढ़ी भाषा पर पीएचडी

बिलासपुर: पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर से सोनू कुमार मिश्रा ने ‘छत्तीसगढ़ी भाषा अध्ययन की परंपरा और डॉ. विनय कुमार पाठक’ विषय पर हिंदी में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। उनका शोध प्रबंध डॉ. सविता मिश्रा, प्राध्यापक और हिंदी विभागाध्यक्ष, शासकीय दूधाधारी बजरंग कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर के मार्गदर्शन में पूरा हुआ।

यह उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व, डॉ. विनय कुमार पाठक पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से एक दर्जन पीएचडी और दो डीलिट उपाधियाँ प्राप्त हो चुकी हैं। इसके साथ ही, डॉ. पाठक का अकादमिक योगदान देशभर में प्रसिद्ध है, और वे हिंदी तथा छत्तीसगढ़ी भाषाओं के क्षेत्र में अद्वितीय व्यक्तित्व के रूप में पहचाने जाते हैं। उनके मार्गदर्शन में 63 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्राप्त करना भी एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है।

यह सफलता छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति के प्रति समर्पण और योगदान का प्रतीक है, जो शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा और प्रेरणा प्रदान करती है।

  • Related Posts

    बिलासपुर: SSP रजनेश सिंह की सख़्ती भी नहीं रोक पा रही स्टंटबाज़ों की सनक

    बिलासपुर की सड़कों पर पिछले कुछ महीनों से जिस तरह का खतरनाक ट्रेंड देखने को मिल रहा है, वह सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि सामाजिक गैर-जिम्मेदारी की पराकाष्ठा है। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है—पाँच महीनों में 14 मामले दर्ज, 33 वाहन जब्त, 72 आरोपी गिरफ्तार। लेकिन सवाल यह है कि आखिर स्टंटबाज़ों पर यह कड़ी कार्रवाई भी असरदार क्यों नहीं हो रही? सड़कें रेस ट्रैक नहीं हैं, और न ही खुलेआम बर्थडे सेलिब्रेशन का मंच। फिर भी कुछ युवा सोशल मीडिया की चकाचौंध और…

    Continue reading
    छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पर उसलापुर में महका ‘व्यंजन मेला’, छात्रों ने परोसी संस्कृति की सुगंध

    बिलासपुर: महाराणा प्रताप महाविद्यालय उस्लापुर में छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस के मौके पर पारंपरिक स्वाद और संस्कृति की अनोखी महक बिखेरते हुए छत्तीसगढ़ी व्यंजन मेला धूमधाम से आयोजित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ शिवाजी राव शिक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ. बी.एल. गोयल और प्राचार्य डॉ. अनिता सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। उद्घाटन के बाद विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ी भाषा के महत्व, उसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और स्थानीय बोलियों की प्रतिष्ठा के बारे में अवगत कराया गया। मेले में छात्रों ने फरा, चौसेला, चीला, धुस्का, भजिया जैसे पारंपरिक व्यंजनों…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *