ड्रग्स नेटवर्क का खुलासा
पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बताया कि सुच्चा छाबड़ा के खिलाफ थाना सरकंडा और सिविल लाइन में एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध दर्ज था। अभियानों के दौरान आरोपी को जबलपुर से गिरफ्तार किया गया और न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया। मामले की गहन जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी ने ड्रग्स सप्लाई कर देश के विभिन्न राज्यों में करोड़ों की संपत्ति बनाई है।
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Toggleकैसे चलाता था नशीली दवाओं का नेटवर्क
आरोपी नशीली दवाओं और इंजेक्शन की सप्लाई डाक और बस के माध्यम से करता था। बिलासपुर में उसने अपने साथियों बंटी गहेरवार की पत्नी आकांक्षा लासरे, अंजली गेंदले, और भाठापारा निवासी बुगाला उर्फ बृजलाल कुर्रे की मदद से कारोबार संचालित किया। रायपुर, तखतपुर, और बालाघाट जैसे स्थानों तक नशीली दवाएं भेजी जाती थीं।
काली कमाई को वैध करने के तरीके
आरोपी ने अपनी अवैध कमाई को वैध बनाने के लिए “छाबड़ा कंस्ट्रक्शन” नामक एक फर्जी फर्म बनाई। जांच में पता चला कि इस फर्म का कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं था, लेकिन इसके खातों में करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ। इसके अलावा, आरोपी ने अपने परिजनों के खातों में रकम ट्रांसफर कर उसे अलग-अलग संपत्तियों में निवेश किया।
संपत्ति की जब्ती
जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी के अलग-अलग बैंक खातों, जमीन, मकान, और दुकानों की पहचान की। आरोपी की संपत्ति जब्त करने के लिए सफेमा कोर्ट को प्रतिवेदन भेजा गया, जिसके बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
13 दिनों में कार्रवाई पूरी
पुलिस ने कोर्ट की अनुमति के बाद केवल 13 दिनों में आरोपी की सभी संपत्तियों को राजसात कर लिया। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने इसे बिलासपुर पुलिस की बड़ी सफलता करार दिया और ड्रग्स के अवैध कारोबार के खिलाफ कड़ा संदेश दिया।
यह कार्रवाई ड्रग्स माफियाओं के लिए एक चेतावनी है कि कानून उनके खिलाफ कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। पुलिस ने साफ कर दिया है कि ऐसे अपराधों से अर्जित संपत्ति को कानूनी प्रक्रिया के तहत जब्त किया जाएगा।















