
बिलासपुर: सरकार के ज़िम्मेदार माननीय ग्रह मंत्री जो कि उप मुख्यमंत्री भी है, जिन्होंने विधानसभा में एक विधायक के बिलासपुर के अपराधों से संबंधित प्रश्न का उत्तर दिया और बताया कि बीजेपी की सरकार में तीस जून तक कुल 7056 अपराध हो चुके है और आज बिलासपुर के कोतवाल यानि पुलिस अधीक्षक का आँकड़ा जो कि मुख्यमंत्री को वाहवाही लेने के लिए कलेक्टर्स और एसपी कांफ्रेंस में बताया गया है, वो केवल 5538 अपराध का बताया गया है जबकि गृह मंत्री का आँकड़ा केवल तीस जून तक का ही है। उक्त बातें कहते हुए पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने कही।
शैलेश पांडे का कहना है कि सवाल ये है कि जब तीस जून तक का अपराध सात हज़ार पार का है तो क्या इन ढाई महीनों में कोई अपराध नहीं हुआ या अपराध कम कैसे हो गये थोड़ा अविष्सनीय जैसा लग रहा है।और कुल अपराधों के आँकड़ों में हेराफेरी किया गया है। बल्कि मारपीट के आँकड़े ग्रह मंत्री के बताते है कि तीस जून तक 1743 है और बिलासपुर पुलिस के केवल 28 बताते हैं,ये बड़ा फर्क दिखाया गया है।
शैलेश ने मीडिया से कहा कि मंत्री ने तीस जून तक बलात्कार के आँकड़े 129 बताते हैं और बिलासपुर पुलिस के केवल 134 बता रहे हैं। यानि पिछले ढाई महीनों में ये आँकड़ा केवल पाँच का बढ़ा है जो विश्वास को कमजोर करता है। यही नहीं गृह मंत्री का हत्या का आँकड़ा तीस जून तक 28 बताता है और बिलासपुर पुलिस का भी 28 बताता है यानि पिछले ढाई महीनों में ज़िले में कोई हत्या नहीं हुई है, जो थोड़ा अविश्वनीय जैसा लग रहा है।
पांडे ने कहा कि कुल मिलाकर समझ के परे है कि भ्रामक जानकारी बिलासपुर पुलिस ने दिया है या मंत्री जी ने ? लगातार हत्या और चाकूबाजी से बिलासपुर रोज़ लाल हो रहा है और बिलासपुर में एक डर का माहौल बना हुआ है और यही नहीं बिलासपुर में दुष्कर्म की घटनाएँ भी बढ़ी है, लेकिन आँकड़ों में अंतर क्यों है, ये सवाल बड़ा है ? लगातार बिलासपुर में अपराध बढ़ रहे है यहाँ के विधायक चुनाव के समय बिलासपुर की जनता से झूठ बोले थे कि मैं यदि विधायक बन गया तो पंद्रह दिनों में बिलासपुर को अपराध मुक्त कर दूँगा, लेकिन बिलासपुर आज उनके कार्यकाल में प्रदेश की अपराधों की राजधानी बन गया है और उनको नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफ़ा देना चाहिए।
पूर्व विधायक पांडे ने कहा कि बिलासपुर पुलिस प्रयास जरुर कर रही है इससे इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन ये काफ़ी नहीं है, पुलिस जनता की रक्षक है और बिलासपुर में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।