
बिलासपुर/दार्जिलिंग। छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक गौरव को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाते हुए बिलासपुर स्थित कला विकास केंद्र के विद्यार्थियों ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में आयोजित ‘तरंगण’ अंतरराष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर संस्थान और प्रदेश का नाम रोशन किया। अंतरराष्ट्रीय स्तर की इस प्रतिस्पर्धा में छात्रों ने गुरु पं. सुनील वैष्णव एवं सुश्री वासंती वैष्णव (रायगढ़ घराना) के निर्देशन में अपनी कला प्रतिभा का ऐसा अद्भुत प्रदर्शन किया कि निर्णायक मंडल समेत दर्शकों ने तालियों की गूंज से स्वागत किया।
प्रतियोगिता में विभिन्न वर्गों में भाग लेते हुए छात्राओं ने कई प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त किए, जिनमें अधिकांश प्रस्तुति कथक नृत्य की रही।
प्रमुख विजेता छात्राएं
🔸 नृत्या शर्मा – सब जूनियर, कथक (एकल) – प्रथम स्थान
🔸 शान्वी जायसवाल – सब जूनियर, कथक (एकल) – प्रथम स्थान
🔸 आरात्रिका घोषाल – सब जूनियर, कथक (एकल) – प्रथम स्थान
🔸 प्रतिष्ठित श्री – सब जूनियर, कथक (एकल) – प्रथम स्थान (विशेष सराहना के साथ)
🔸 शान्वी जायसवाल – सब जूनियर, सेमिक्लासिकल (एकल) – प्रथम स्थान
🔸 आहाना गौतम – सीनियर, कथक (एकल) – प्रथम स्थान
🔸 दक्षा विश्वकर्मा – सीनियर, कथक (एकल) – प्रथम स्थान
🔸 मानसी डागोरे – सीनियर, कथक (एकल) – द्वितीय स्थान
इसके अतिरिक्त ज्योति श्री बोहिदार वैष्णव की विशेष प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया और खूब सराहना बटोरी।
संस्थान की निदेशक सुश्री वासंती वैष्णव ने विद्यार्थियों की इस उपलब्धि को उनके कठोर परिश्रम, अनुशासन और समर्पण का परिणाम बताया। गुरु पं. सुनील वैष्णव ने कहा कि यह सफलता न केवल संस्थान की बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक प्रतिभा का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व है।
यह जीत ‘कला विकास केंद्र’ के लिए एक और स्वर्णिम अध्याय है और प्रदेश के कला क्षेत्र को नई प्रेरणा देती है।