बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता मनीष अग्रवाल ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में चलाए गए राजीव युवा मितान क्लब योजना को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए इसकी विस्तृत जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर ज़िले, नगर निगम, नगर पालिका, पंचायत और गांव-गांव में गठित इन युवा क्लबों को प्रत्येक को ₹1 लाख की शासकीय राशि दी गई, जिसका उपयोग रंगोली, कैरमबोर्ड जैसे छोटे कार्यक्रमों में कर राशि का बंदरबांट किया गया।
मनीष अग्रवाल का कहना है कि यह राशि राजनीतिक रूप से जुड़े हुए लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए दी गई और इसका कोई स्पष्ट लेखा-जोखा, उपयोगिता प्रमाण या लेखा परीक्षण (ऑडिट) सार्वजनिक नहीं किया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि—
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आखिर यह राशि किस मद से दी गई?
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इसका जनता को क्या लाभ हुआ?
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राशि का आहरण किसने किया और किस उपयोग में लाई गई?
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चार्टर्ड अकाउंटेंट या किसी सरकारी एजेंसी द्वारा इसका ऑडिट हुआ या नहीं?
अग्रवाल ने मांग की है कि राज्य के प्रत्येक जिले, नगरीय निकाय, पंचायत स्तर पर इस योजना के तहत दी गई राशि की ऑडिट रिपोर्ट जारी की जाए और इसकी सीबीआई या राज्य स्तर पर उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए ताकि जनता को यह स्पष्ट हो सके कि करोड़ों रुपये की शासकीय निधि का उपयोग जनहित में हुआ या नहीं।
इस पूरे मामले की प्रति उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, केंद्रीय नगरीय विकास मंत्री तोखन साहू, विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह, राज्यपाल रेमन डेका, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, नगरीय निकाय मंत्री अरुण साव, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा तथा विधायकों अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, सुशांत शुक्ला, धर्मजीत सिंह एवं बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल को भी भेजी है।
मनीष अग्रवाल का कहना है कि अगर इस मामले में निष्पक्ष जांच हुई तो कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का एक और बड़ा कारनामा जनता के सामने आ सकता है।















