
रायगढ़। मधुगुंजन श्रृंगार 2024 के द्वितीय दिवस का शुभारंभ ओडिसी नृत्यांगना श्रीमती पूर्णा श्री रावत, शरद वैष्णव (संचालक, वैष्णव संगीत महाविद्यालय), एवं आयोजन समिति के अध्यक्ष अजीत कुमार स्वाइन की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। निर्णायक मंडल में डॉ. गुंजन तिवारी और होरील गौर (इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़) शामिल थे।
कार्यक्रम के प्रथम खंड में देश के विभिन्न हिस्सों के प्रतिभागियों ने कला और संस्कृति के विविध रंग बिखेरे। बिलासपुर, रायपुर, रायगढ़, चांपा, कोरबा, उड़ीसा (झारसुगुड़ा), हैदराबाद और केरल से आए प्रतिभागियों ने कथक, ओडिसी, भरतनाट्यम, सेमी-क्लासिकल नृत्य, तबला वादन, शास्त्रीय गायन, सुगम संगीत, लोक नृत्य और गिटार वादन में अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियां दीं। लगभग 250 प्रतिभागियों ने एकल, युगल, त्रयी और समूह के रूप में 100 से अधिक प्रस्तुतियों से मंच को सुशोभित किया।
द्वितीय खंड में नृत्य उत्सव ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथक नृत्य में दिशा सिंह, लावण्या देशमुख, प्राप्ति व्यास और सौम्या नामदेव ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। भरतनाट्यम में अनोखी चंदेल और “नृत्य नाद” समूह ने अपनी प्रस्तुतियों से वाहवाही बटोरी। अलका कुर्रे एवं उनके समूह की कथक प्रस्तुति भी विशेष आकर्षण रही।
तृतीय खंड में पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि रायगढ़ कलेक्टर कार्तिकेय गोयल, आयकर डिप्टी कमिश्नर श्रीमती अनुभा गोयल और विशिष्ट अतिथि श्रीमती पूनम सोलंकी की उपस्थिति रही। आयोजन समिति के सम्मानित सदस्यों और निर्णायकों ने भी इस अवसर पर प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया।
मधुगुंजन श्रृंगार 2024 का यह सांस्कृतिक पर्व न केवल प्रतिभागियों के लिए एक अद्भुत मंच सिद्ध हुआ, बल्कि कला और संस्कृति को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण माध्यम भी बना।