बिलासपुर। मस्तूरी में मंगलवार शाम हुई फायरिंग की घटना ने क्षेत्र की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जमीन के विवाद और राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में हमलावरों ने मुख्य सड़क पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिससे नितेश सिंह के साथ बैठे दो युवक राजू सिंह और चन्द्रभान सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों का इलाज अपोलो अस्पताल में चल रहा है।
फिलहाल पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 736/25 के तहत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109, 3(5) एवं शस्त्र अधिनियम (Arms Act) की धारा 25 तथा 27 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया है।
पुराना विवाद, नई वारदात
जानकारी के अनुसार प्रार्थी नितेश सिंह और मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत के बीच जमीन के क्रय-विक्रय तथा राजनैतिक विवाद लंबे समय से चल रहा है। दोनों पक्षों द्वारा पहले भी मस्तूरी व सिविल लाइन थानों में अपराध दर्ज कराए गए हैं।
पुलिस के मुताबिक, हमलावरों ने हमले की पूर्व-रेकी की थी। इससे पहले भी 25 अक्टूबर को हमला करने की कोशिश की गई थी, जो विफल रही। इसके बाद 28 अक्टूबर को शाम करीब 6 बजे दो मोटर साइकिलों में आए आरोपियों ने लगातार फायरिंग कर दी।
अपराधियों में दहशत क्यों नहीं?
मुख्य सड़क पर होने वाली यह घटना बताती है कि अपराधियों को न तो कानून का डर है और न ही पुलिस की मौजूदगी का प्रभाव।
मामले में दो किशोर सहित कई आरोपी शामिल बताए जा रहे हैं, जो इस बात की ओर संकेत करता है कि अपराधी तंत्र अब नाबालिगों को भी अपराध में धकेल रहा है।
हथियारों की बरामदगी गंभीर संकेत
पुलिस ने देसी पिस्तौल, कट्टा, मैगजीन, जिंदा व फायर की गई गोलियां और मोबाइल फोन जब्त किए हैं। यह साफ दिखाता है कि हथियारों की सप्लाई और अपराध का नेटवर्क मजबूत है।
वित्तीय मदद का भी आरोप
विवेचना में यह तथ्य सामने आया है कि तारकेश्वर पाटले ने आरोपी विश्वजीत को एक लाख रुपए नकद उपलब्ध कराया, जिसे आरोपियों में बांटा गया। इस एंगल की तस्दीक की जा रही है। पुलिस का मानना है कि मामले में अन्य आरोपी भी शामिल हो सकते हैं।
कानूनी कार्रवाई, लेकिन क्या पर्याप्त?
पुलिस ने अपराध क्रमांक 736/25 में धारा 109, 3(5) भारतीय न्याय संहिता सहित 25, 27 Arms Act के तहत मामला दर्ज किया है।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि:
• हमले की गंभीरता को देखते हुए हत्या के प्रयास की धारा भी लगनी चाहिए थी
• आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं को और स्पष्ट किया जाना आवश्यक
प्रशासनिक चूक पर उठे सवाल
पूर्व में विवाद के कई प्रकरण दर्ज होने के बाद भी रोकथाम के उपाय नहीं किए गए। मामले की रेकी की जानकारी सामने आने के बाद सुरक्षा तंत्र की कमजोरी उजागर होती है।
स्थानीय लोगों के सवाल
• अपराध रोकथाम आखिर कब प्राथमिकता बनेगी?
• क्या संगठित अपराध मस्तूरी में सक्रिय है
पुलिस ने कहा है कि सभी आरोपियों की भूमिका की जांच की जा रही है और कठोर कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय नागरिक उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार कार्रवाई केवल एफआईआर तक सीमित न रहे।
आरोपी
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विश्वजीत अनंत
पिता स्व. बलराम अनंत
उम्र 29 वर्ष
निवासी ग्राम मोहतरा, थाना मस्तूरी, जिला बिलासपुर (छग) -
अरमान उर्फ बलमजीत अनंत
पिता स्व. बलराम अनंत
उम्र 29 वर्ष
निवासी ग्राम मोहतरा, थाना मस्तूरी, जिला बिलासपुर (छग) -
चाहत उर्फ विक्रमजीत अनंत
पिता स्व. बलराम अनंत
उम्र 19 वर्ष
निवासी ग्राम मोहतरा, थाना मस्तूरी, जिला बिलासपुर (छग) -
मोहम्मद मुस्तकीम उर्फ नफ़ीस
पिता मोहम्मद मुख्तार
उम्र 29 वर्ष
निवासी भारतीय नगर, वार्ड क्रमांक 24, एल.ए. गली, तैयबा चौक, मस्जिद के सामने, थाना सिविल लाइन, बिलासपुर (छग) -
मोहम्मद मतीन उर्फ मोंटू
पिता मोहम्मद मुख्तार
उम्र 22 वर्ष
निवासी अटल आवास, कोनी, थाना कोनी, जिला बिलासपुर (छग) -
दो विधि से संघर्षरत किशोर
(नाम और पता गोपनीय)















