बिलासपुर: सलमा की चीख कौन सुनेगा? जब इंसाफ की तलाश में मां को दर-दर भटकना पड़े
बिलासपुर की सड़कों पर एक 70 वर्षीय बुजुर्ग मां – फातिमा – अपनी मृत बेटी सलमा के लिए न्याय की गुहार लगाती घूम रही है। उसकी आंखों में आंसू नहीं, बल्कि इंसाफ की आग है। यह कहानी सिर्फ एक महिला की मौत की नहीं, बल्कि सिस्टम, समाज और संवेदना के पतन की भयावह तस्वीर है। सलमा की मौत को ‘खुदकुशी’ बताने की कोशिश हो रही है, लेकिन उसके शरीर पर मिले जख्म चीख-चीख कर बता रहे हैं कि यह एक “धीमी हत्या” थी – जो 12…