बिलासपुर: हिंदी राज्याश्रय की नहीं, लोकाश्रय की भाषा: डॉ. पाठक

बिलासपुर। हिंदी दिवस पर प्रयास प्रकाशन साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में साहित्य, भाषा और संस्कृति का ऐसा संगम हुआ जिसने श्रोताओं को गहरे तक आंदोलित कर दिया। मुख्य अतिथि डॉ. विनय कुमार पाठक, पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग एवं कुलपति थावे विद्यापीठ, गोपालगंज (बिहार) ने कहा—“हिंदी कभी सत्ता या राज्याश्रय पर निर्भर नहीं रही, यह तो लोकाश्रय से जन-जन की कंठस्वर बनी है। इसकी शक्ति इसकी सरलता और आत्मीयता है, जिसने इसे राष्ट्रीय एकता और अखंडता का सूत्रधार बनाया है। नई शिक्षा नीति में हिंदी का स्थान केवल औपचारिक स्वीकृति नहीं, बल्कि भविष्य के भारत की आत्मा के रूप में अंकित है। हिंदी निश्चित ही आने वाले समय में राष्ट्रभाषा के रूप में सम्मानित होगी।”

अध्यक्षीय उद्बोधन में रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने हिंदी की वैश्विक यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज हिंदी महज़ भारत की नहीं, बल्कि विश्व साहित्य की भाषा बन चुकी है। इसके स्वर दुनिया के कोने-कोने में गूंज रहे हैं।

विशिष्ट अतिथि डॉ. राघवेन्द्र कुमार दुबे ने अपनी रचनाओं के माधुर्य से सभा को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके हिंदी-निष्ठ काव्य पाठ ने वातावरण को गहराई और ऊँचाई प्रदान की।

कार्यक्रम में डॉ. विवेक तिवारी, डॉ. बजरंगबली शर्मा, डॉ. अंकुर शुक्ला, शीतल प्रसाद पाटनवार, राम निहोरा राजपूत और सनत तिवारी ने भी काव्य पाठ कर हिंदी की महिमा का गुणगान किया। उनकी रचनाओं ने यह सिद्ध किया कि हिंदी मात्र भाषा नहीं, बल्कि संस्कृति और संवेदना का विराट संसार है।

संचालन विष्णु कुमार तिवारी ने किया।

यह आयोजन हिंदी दिवस पर मात्र एक गोष्ठी नहीं, बल्कि साहित्यिक चेतना का उत्सव बन गया, जिसने हिंदी की आभा को और दीप्त कर दिया।

 

  • Related Posts

    बिलासपुर: SSP रजनेश सिंह की सख़्ती भी नहीं रोक पा रही स्टंटबाज़ों की सनक

    बिलासपुर की सड़कों पर पिछले कुछ महीनों से जिस तरह का खतरनाक ट्रेंड देखने को मिल रहा है, वह सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि सामाजिक गैर-जिम्मेदारी की पराकाष्ठा है। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है—पाँच महीनों में 14 मामले दर्ज, 33 वाहन जब्त, 72 आरोपी गिरफ्तार। लेकिन सवाल यह है कि आखिर स्टंटबाज़ों पर यह कड़ी कार्रवाई भी असरदार क्यों नहीं हो रही? सड़कें रेस ट्रैक नहीं हैं, और न ही खुलेआम बर्थडे सेलिब्रेशन का मंच। फिर भी कुछ युवा सोशल मीडिया की चकाचौंध और…

    Continue reading
    छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पर उसलापुर में महका ‘व्यंजन मेला’, छात्रों ने परोसी संस्कृति की सुगंध

    बिलासपुर: महाराणा प्रताप महाविद्यालय उस्लापुर में छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस के मौके पर पारंपरिक स्वाद और संस्कृति की अनोखी महक बिखेरते हुए छत्तीसगढ़ी व्यंजन मेला धूमधाम से आयोजित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ शिवाजी राव शिक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ. बी.एल. गोयल और प्राचार्य डॉ. अनिता सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। उद्घाटन के बाद विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ी भाषा के महत्व, उसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और स्थानीय बोलियों की प्रतिष्ठा के बारे में अवगत कराया गया। मेले में छात्रों ने फरा, चौसेला, चीला, धुस्का, भजिया जैसे पारंपरिक व्यंजनों…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *