यादव की बढ़ती पकड़ : मैदान की तैयारी से लेकर संगठन की एकता तक, हर जगह देवेंद्र यादव की भूमिका अहम
बिलासपुर। 09 सितम्बर को मुंगेली नाका स्थित ग्रीन गार्डन मैदान कांग्रेस का रणभूमि बनने जा रहा है। “वोट चोर – गद्दी छोड़” आमसभा को लेकर कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। राष्ट्रीय सचिव व विधायक देवेन्द्र यादव की सक्रियता और जमीनी पकड़ से पार्टी में ऐसी ऊर्जा दिख रही है कि स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेता इसे निर्णायक मोड़ मान रहे हैं।
7 सितम्बर की मैराथन बैठक – कमान देवेंद्र यादव के हाथ
देवेन्द्र यादव ने बिलासपुर में महिला कांग्रेस, पार्षद, पार्षद प्रत्याशी, जिला पंचायत सदस्य, युवा कांग्रेस और NSUI पदाधिकारियों की मैराथन बैठक ली। बैठक में हर संगठन को टारगेट सौंपा गया।
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ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने ऐलान किया कि 9 सितम्बर को दोपहर 12 बजे सभा होगी।
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सचिन पायलट सभा का नेतृत्व करेंगे।
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मंच पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, सह प्रभारी विजय जांगिड़ और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
संगठन को जिम्मेदारी, 4 हजार का टारगेट
केवल बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र से ही लगभग 4000 लोगों को लाने की जिम्मेदारी पार्षद/पार्षद प्रत्याशियों ने ली है। इसके अलावा ग्रामीण व शहरी दोनों मोर्चों पर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
30 लाख का पावर शो
कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि करीब 30 लाख रुपये का खर्चा अनुमानित है। यह खर्चा मंच, पंडाल, साउंड, जनसम्पर्क और ट्रांसपोर्टेशन पर होगा। कांग्रेसियों का मानना है कि यदि सभा में 10 हजार की भीड़ भी जुट गई तो इसे सफल माना जाएगा।
एकता की मिसाल – श्रेय देवेंद्र यादव को
विजय केशरवानी ने न्यूज़ हब इनसाइट (NHI) से कहा —
“इस सभा का सबसे बड़ा श्रेय देवेंद्र यादव को जाता है। उन्हीं की वजह से कांग्रेस में एकजुटता दिख रही है। नेता से लेकर कार्यकर्ता तक सब एक लाइन में खड़े हैं।”
राजनीतिक संदेश
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भीड़ का मैसेज : 10 हजार की भीड़ का मतलब—बिलासपुर में कांग्रेस की पकड़ अभी बरकरार।
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नेतृत्व का इम्तिहान : सचिन पायलट, भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव की संयुक्त मौजूदगी—“एकजुट कांग्रेस” का सशक्त संदेश।
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यादव की बढ़ती पकड़ : मैदान की तैयारी से लेकर संगठन की एकता तक, हर जगह देवेंद्र यादव की भूमिका अहम।
NHI का विश्लेषण :
यह सभा सिर्फ भीड़ जुटाने का कार्यक्रम नहीं, बल्कि कांग्रेस के भीतर ताकत का प्रदर्शन है। देवेन्द्र यादव ने जिस तरह जिम्मेदारी बांटी है और खर्च का स्तर रखा गया है, उससे साफ है कि कांग्रेस आक्रामक मोड में उतर चुकी है। आने वाले महीनों में यह आमसभा राजनीतिक समीकरण बदलने वाली साबित हो सकती है।















