
निष्कासित नेता अभय नारायण राय को टीवी डिबेट में क्यों बुलाते हो? कांग्रेस सह प्रभारी विजय जांगिड़ का पत्रकारों को जवाब
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से आई इस रिपोर्ट ने एक बार फिर सरकारी सिस्टम और राजनीतिक संरक्षण की परतें उधेड़ दी हैं।
वार्ड क्रमांक 42 में संचालित खैर माता खाद्य सुरक्षा पोषण सहकारी समिति की उचित मूल्य दुकान से जुड़े इस घोटाले के केंद्र में हैं — कांग्रेस से निष्कासित नेता अभय नारायण राय के बेटे अमितेष राय, जिन पर सैकड़ों क्विंटल सरकारी राशन के गबन का आरोप है।
🔍 क्या है पूरा मामला?
23 सितंबर 2024 को खाद्य विभाग की जांच में सामने आया कि दुकान में 295.49 क्विंटल चावल, 2.60 क्विंटल शक्कर और 3.35 क्विंटल नमक कम पाया गया। इसके बाद जब दुकान निलंबित की गई और राशन का पुनः प्रभार दूसरी समिति को सौंपा गया, तब भी 285.48 क्विंटल चावल गायब था।सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गबन की अनुमानित कीमत 11 लाख से अधिक बताई जा रही है।
खाद्य विभाग ने सहकारी समिति के सचिव रामकुमार कश्यप को भी नोटिस जारी किया है। वहीं, अमितेष राय को लगातार नोटिस देकर जवाब या भरपाई करने के निर्देश दिए गए, लेकिन कई महीने बीतने के बाद भी न कोई जवाब मिला और न ही भरपाई की गई।
🏛️ कलेक्टर के कोर्ट में फैसला, FIR पर सबकी नजरें
जिला खाद्य अधिकारी अनुराग भदौरिया ने पुष्टि की
“फाइल कलेक्टर संजय अग्रवाल के पास भेजी गई है। जैसे ही मंजूरी मिलती है, प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।”
यह बयान साफ करता है कि अब मामला प्रशासनिक कार्रवाई के अंतिम और निर्णायक मोड़ पर है।
⚠️ राजनीतिक एंगल: किसका है संरक्षण?
घोटाले से ज्यादा चिंता इस बात की है कि क्या इस मामले को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है?
सूत्रों के अनुसार, एक प्रभावशाली भाजपा नेता द्वारा कांग्रेस से निष्कासित नेता के बेटे को ‘संरक्षण’ दिए जाने की चर्चाएं गरम हैं।
यही वजह है कि जनता के बीच सवाल गूंज रहे हैं —
👉 क्या इस बार कोई कड़ी कार्रवाई होगी या फिर यह घोटाला भी फाइलों की कब्रगाह में दफन हो जाएगा?
🎤 प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस सह प्रभारी विजय जांगिड़ ने मीडिया से कहा-
टीवी डिबेट में क्यों बुलाते हो निष्कासित नेता अभय नारायण राय को
जांगिड़ ने बिलासपुर प्रवास के दौरान कहा था
“अगर कोई पूर्व नेता किसी भी भ्रष्टाचार में शामिल पाया जाता है, तो जांच कराकर सख्त कार्रवाई होगी। हमने यह मामला जिला प्रभारी सुबोध हरितवाल को सौंपा है और निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द रिपोर्ट दें।”
📢 जनता के बीच बढ़ता रोष
अब सवाल यह नहीं कि राशन गया — सवाल यह है कि क्या दोषियों को सजा मिलेगी?
एक ओर सरकारी विभाग हाथ बांधे कलेक्टर की अनुमति का इंतजार कर रहा है, वहीं दूसरी ओर शहर की जनता राजनीतिक चुप्पी को लेकर आक्रोशित है।