
दावा-आपत्ति का अवसर दिए काउंसलिंग की प्रक्रिया प्रारंभ करना असंवैधानिक
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को लेकर बड़ा अंतरिम आदेश जारी किया है। महासमुंद की शिक्षिका कल्याणी थेकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पर 10 दिन की अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही शासन को निर्देशित किया है कि शिक्षिका के अभ्यावेदन का नियमों के तहत यथाशीघ्र निराकरण किया जाए।
हालांकि यह रोक पूरे प्रदेश की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पर लागू नहीं होगी। अन्य याचिकाओं पर सुनवाई हाईकोर्ट में जारी है।
याचिकाकर्ता कल्याणी थेकर, जो गवर्नमेंट अभ्यास प्राइमरी स्कूल महासमुंद में पदस्थ हैं, ने अधिवक्ता अवध त्रिपाठी के माध्यम से याचिका दाखिल की। उन्होंने बताया कि स्कूल में वास्तविक रूप से 91 छात्र अध्ययनरत हैं, परन्तु अधिकारियों ने दर्ज संख्या 88 बताकर उन्हें ‘अतिशेष’ घोषित कर दिया और उनका नाम युक्तियुक्तकरण सूची में शामिल कर दूरस्थ स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया।
सुनवाई के दौरान शासन की ओर से यह स्वीकार किया गया कि छात्र संख्या दर्ज करने में त्रुटि हुई है, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।
इस पर हाई कोर्ट ने स्पष्ट टिप्पणी की कि राज्य शासन द्वारा बिना दावा-आपत्ति का अवसर दिए काउंसलिंग की प्रक्रिया प्रारंभ करना असंवैधानिक है।
यह आदेश युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की पारदर्शिता और शिक्षकों के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।