
न्यायपालिका को मिला युवा नेतृत्व: प्रदेश भर की जिला अदालतों में 48 नए सिविल जजों की पदस्थापना
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्याय व्यवस्था में एक नई पीढ़ी का स्वागत करते हुए, हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य के विभिन्न जिलों में 48 सिविल जजों की नियुक्ति की गई है। यह नियुक्तियाँ लोअर जुडिशियरी सर्विस के तहत की गई हैं, जिसमें चयनित अभ्यर्थियों को परीवीक्षा अवधि में सेवा देने का अवसर मिला है। गुरुवार को रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी आदेश के अनुसार इन न्यायाधीशों को प्रदेश की अलग-अलग जिला अदालतों में पदस्थ किया गया है।
इन नियुक्तियों में श्वेता दीवान, महिमा शर्मा, निखिल साहू, प्रियदर्शन गोस्वामी, आयुषी शुक्ला, भामिनी पटेल, नंदिनी पटेल, आरती ध्रुव, अदिति शर्मा, द्विज सिंह सेंगर, शारदा शर्मा, ताप्ती राघव, आदित्य जैन, अर्पित अग्रवाल, मनीषा दुश्यानी, क्षितिज नवरंग, प्रियंका गोस्वामी, हिमांशु पांडा, सृष्टि त्रिपाठी, सूरज राणा, भावना रिगरी, हिमांशु चन्द्राकर, चैताली खांडेकर, सुमित कुमार नायक, पूजा विनय साहू, ग्रेसी सिंह, अन्जीता खूंटे, आयुष ताम्रकार, तुषार बारीक, भूमिका ध्रुव, पूनम नशिने, गौरव महिलांग, नोएल पन्ना, श्रेया तुलावी, हरीश कुमार सालेम, निशा बारा, स्मिता रानी, नेहा तिर्की, मयंक ध्रुव, जितेन्द्र सोनवानी, सलमा लकड़ा, रिया गनवीर, वंदना मंडावी, रीमा लकड़ा, सजल जैन, सीमा नेताम, चंद्रकिरण मानकर और जागृति ध्रुव शामिल हैं।
नई ऊर्जा, नई उम्मीद – न्यायपालिका की जड़ों को मजबूत करते युवा न्यायाधीश
न्यायपालिका किसी भी लोकतंत्र की रीढ़ होती है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा की गई इन नियुक्तियों से यह स्पष्ट होता है कि राज्य की न्याय व्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। ये युवा सिविल जज सिर्फ न्यायालय की शोभा नहीं बढ़ाएंगे, बल्कि समाज में न्याय के प्रति विश्वास भी और गहरा करेंगे।
इन नए नियुक्त न्यायाधीशों की जिम्मेदारी सिर्फ न्याय करने की नहीं, बल्कि नागरिकों में न्याय के प्रति भरोसा बनाए रखने की भी है। परीवीक्षा की इस अवधि में इनकी कार्यशैली, निष्पक्षता और संवेदनशीलता पर विशेष नज़र रखी जाएगी। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी अदालतों तक, इन जजों की मौजूदगी वहां के लोगों के लिए न्याय सुलभ बनाएगी।
यह भी गौरतलब है कि इन नियुक्तियों में बड़ी संख्या में महिला जज शामिल हैं, जो कि न्यायपालिका में लैंगिक संतुलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न्यायालयों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी और महिला-संबंधी मामलों की समझ और संवेदना भी बेहतर हो सकेगी।
इन नियुक्तियों से न केवल छत्तीसगढ़ की न्यायिक व्यवस्था को सशक्त आधार मिलेगा, बल्कि आम जनता को समय पर न्याय दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाएगा। हम इन सभी नवनियुक्त सिविल जजों को शुभकामनाएँ देते हैं और आशा करते हैं कि वे संविधान के मूल्यों और नागरिक अधिकारों की रक्षा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ करेंगे।