
बिलासपुर। रतनपुर स्थित प्रसिद्ध महामाया मंदिर के कुंड में 23 कछुओं की रहस्यमयी मौत के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि मामले की गहन जांच होगी और इसमें और भी आरोपी सामने आ सकते हैं।
इस मामले में मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष और मुख्य पुजारी सतीश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की, जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि तालाब की सफाई का निर्णय मंदिर ट्रस्ट द्वारा लिया गया था, जिसके तहत मछुआरों को ठेका देकर सफाई कराई गई। सफाई के दो दिन बाद तालाब में मृत कछुए पाए गए, जिसके बाद वन विभाग को बुलाया गया और फिर पुजारी सतीश शर्मा पर ही एफआईआर दर्ज कर दी गई।
सतीश शर्मा के वकील ने दलील दी कि वे 24 घंटे मंदिर में रहते हैं और ट्रस्ट के निर्देशानुसार ही मछुआरों को तालाब में प्रवेश की अनुमति दी गई थी। उन्होंने तर्क दिया कि यदि सफाई के दौरान कोई गंभीर अपराध हो जाता, जैसे हत्या या बम ब्लास्ट, तो भी उन्हें ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह जानना चाहा कि इस मामले में और कितने आरोपी हैं। इस पर सरकारी वकील ने जानकारी दी कि सफाई का ठेका लेने वाले आनंद जायसवाल के साथ मछुआरे अरुण और विष्णु धीवर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
उधर, नगर पालिका परिषद रतनपुर ने भी हाईकोर्ट में आवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि क्षेत्र के सभी तालाब उनके अधीन आते हैं, हालांकि जिस तालाब में यह घटना हुई, वह मंदिर ट्रस्ट को सौंपा गया है।
हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संकेत दिया कि जांच में और भी लोगों की भूमिका सामने आ सकती है। अब देखना होगा कि अगली सुनवाई में अदालत क्या रुख अपनाती है।