
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा हाल ही में भाजपा पार्टी के 36 नेताओं को निगम, मंडल, बोर्ड, आयोग व परिषद में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों पर नियुक्त किया गया। हालांकि, इस सूची में यादव समाज से कोई भी व्यक्ति को स्थान नहीं मिला है, जो यादव समाज के लिए एक बड़ा आघात है। इस पर महिला शिव सेना अध्यक्ष रेवती यादव ने अपनी पीड़ा व्यक्त की है।
रेवती यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में यादव समाज ओबीसी वर्ग की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है, लेकिन फिर भी उन्हें सत्ता में भागीदारी नहीं दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस स्थिति को लेकर उन्हें दुख हुआ, क्योंकि बिलासपुर महापौर चुनाव में भी यादव समाज का प्रतिनिधित्व न हो पाया था, जिसके बाद उन्होंने महापौर पद पर यादव समाज के नामांकन के लिए कदम बढ़ाया था।
उन्होंने शिव सेना के संदर्भ में कहा, “छत्तीसगढ़ में यदि यादव समाज का मान-सम्मान कहीं मिल सकता है तो वह शिव सेना में ही संभव है। शिव सेना छत्तीसगढ़ में तीसरी बड़ी राजनीतिक शक्ति के रूप में उभर रही है और हम इस पार्टी के माध्यम से अपने समाज के लिए न्याय और अधिकार की लड़ाई जारी रखेंगे।”
रेवती यादव ने यह भी कहा कि ओबीसी वर्ग को जिस तरह से अन्य पार्टियां नजरअंदाज कर रही हैं, वह न केवल दुखद है, बल्कि आने वाले चुनावों में शिव सेना इस वर्ग के लोगों को न्याय दिलाने के लिए पूरी ताकत से संघर्ष करेगी।
यह बयान यादव समाज के लिए एक अहम संदेश है और छत्तीसगढ़ में शिव सेना की बढ़ती ताकत को दर्शाता है।