तखतपुर। नगर पालिका तखतपुर के अध्यक्ष पद के लिए हाल ही में आरक्षण की घोषणा के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस बार अध्यक्ष पद अनारक्षित महिला श्रेणी के लिए आरक्षित किया गया है, जिससे युवाओं और महिलाओं में भी राजनीति में कदम रखने की रुचि बढ़ गई है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नारायण सिंह ठाकुर की नातिन और युवा प्रदेश कार्य समिति सदस्य एवं जिला प्रभारी दिनेश राजपूत की सुपुत्री सोनाली राजपूत इस चुनाव में युवा चेहरा बनकर उभर रही हैं। सोनाली एक शिक्षित और प्रगतिशील महिला हैं, जिन्होंने कौशलेंद्र राव महाविद्यालय, बिलासपुर से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की है।
सोनाली के नाम को लेकर तखतपुर में चर्चा तेज है। माना जा रहा है कि ठाकुर समाज के मजबूत वोट बैंक और महिलाओं का जबरदस्त समर्थन सोनाली को एक सशक्त उम्मीदवार बना सकता है। शिक्षा और सामाजिक समझ के साथ सोनाली नगर विकास के लिए एक नया दृष्टिकोण पेश कर सकती हैं।
भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि युवा और शिक्षित चेहरा पार्टी के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है। इसके साथ ही, महिलाओं और युवाओं के बीच सोनाली की लोकप्रियता से तखतपुर की राजनीति में एक नई ऊर्जा का संचार होगा।
आगामी चुनाव में तखतपुर की जनता किसे अपना अध्यक्ष चुनती है, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन सोनाली राजपूत का नाम निश्चित रूप से इस चुनावी दौड़ में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
बिलासपुर की सड़कों पर पिछले कुछ महीनों से जिस तरह का खतरनाक ट्रेंड देखने को मिल रहा है, वह सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि सामाजिक गैर-जिम्मेदारी की पराकाष्ठा है। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है—पाँच महीनों में 14 मामले दर्ज, 33 वाहन जब्त, 72 आरोपी गिरफ्तार। लेकिन सवाल यह है कि आखिर स्टंटबाज़ों पर यह कड़ी कार्रवाई भी असरदार क्यों नहीं हो रही? सड़कें रेस ट्रैक नहीं हैं, और न ही खुलेआम बर्थडे सेलिब्रेशन का मंच। फिर भी कुछ युवा सोशल मीडिया की चकाचौंध और…
बिलासपुर: महाराणा प्रताप महाविद्यालय उस्लापुर में छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस के मौके पर पारंपरिक स्वाद और संस्कृति की अनोखी महक बिखेरते हुए छत्तीसगढ़ी व्यंजन मेला धूमधाम से आयोजित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ शिवाजी राव शिक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ. बी.एल. गोयल और प्राचार्य डॉ. अनिता सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। उद्घाटन के बाद विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ी भाषा के महत्व, उसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और स्थानीय बोलियों की प्रतिष्ठा के बारे में अवगत कराया गया। मेले में छात्रों ने फरा, चौसेला, चीला, धुस्का, भजिया जैसे पारंपरिक व्यंजनों…