बिलासपुर: JD कार्यालय से सहायक शिक्षक से व्यायाम शिक्षक पदोन्नति की अंतिम वरिष्ठता सूची जारी, अपात्र शिक्षकों (बसंत जोगी, विनोद कुमार राठौर, मानस जायसवाल) के नाम भी सूची में शामिल

बिलासपुर: JD कार्यालय (संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर) ने सहायक शिक्षक से व्यायाम शिक्षक पदोन्नति PTI (फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर) की अंतिम वरिष्ठता सूची जारी कर दी है, इस सूची को लेकर स्कूलों में जमकर चर्चा हो रही है। सूची में बसंत जोगी, विनोद कुमार राठौर, और मानस जायसवाल जैसे अपात्र शिक्षकों के नाम भी शामिल किए गए हैं। आपको बता दें कि 01 अप्रैल 2024 की स्थिति में वरिष्ठता सूची का निर्धारण किया गया है उस हिसाब से बसंत जोगी, विनोद कुमार राठौर, और मानस जायसवाल तीनों का उनके संविलियन दिनांक से पांच वर्ष पूर्ण नहीं हुआ है। नियमानुसार संविलियन दिनांक से पांच वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षकों का ही प्रमोशन का प्रावधान है। इस नियम के तहत इस प्रमोशन के लिए  बसंत जोगी, विनोद कुमार राठौर, और मानस जायसवाल अपात्र हैं।

16 शिक्षक ही पात्र

JD कार्यालय द्वारा DEO बिलासपुर से प्राप्त जानकारी के आधार पर जारी की गई PTI की वरिष्ठता सूची में कुल 19 शिक्षकों के नाम शामिल हैं, लेकिन यदि नियम का हवाला दिया जाये तो इनमें से केवल 16 शिक्षक ही प्रमोशन के लिए पात्र होंगे। बताते चलें कि DEO बिलासपुर भी पदोन्नति हेतु पात्र शिक्षकों की जानकारी अपने अधीनस्थ BEO कार्यालय से मंगाते है तो फिर निम्न कार्यालय से उच्च कार्यालय के लिए अपात्र शिक्षकों की सूची क्यों भेजी जाती है ये समझ से परे है।

सूची में एक दिव्यांग शिक्षक का नाम भी शामिल

JD द्वारा जारी वरिष्ठता सूची में एक दृष्टिबाधित दिव्यांग शिक्षक का नाम भी शामिल है।अधिकारियों से जानकारी लेने पर उन्होंने इस सम्बन्ध में स्पष्ट दिशा निर्देश न होने का हवाला दिया। प्रश्न ये उठता है कि एक दृष्टिबाधित दिव्यांग शिक्षक PTI के रूप में कैसे अपनी भूमिका का निर्वहन करेगा।

अंतिम निर्णय डीपीसी के बाद

इस सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि ने कि सूची पर अभी विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की प्रक्रिया पूरी होनी बाकी है। डीपीसी के बाद सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। यदि किसी शिक्षक को अपात्र पाया जाता है, तो उनके नाम सूची से हटा दिए जाएंगे। पात्र और अपात्र शिक्षकों को लेकर सवाल ने इस मामले ने विभागीय नियमों और प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अपात्र शिक्षकों को शामिल करने को लेकर अन्य शिक्षकों ने नाराजगी जताई है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि डीपीसी के दौरान पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और नियमों के तहत पूरा किया जाएगा। यह देखना बाकी है कि डीपीसी के बाद फाइनल सूची में किन शिक्षकों के नाम शामिल होते हैं और अपात्र पाए गए शिक्षकों के लिए क्या निर्णय लिया जाता है। या नियमों को ताक पर रख ही सूची जारी की जाएगी।

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