बिलासपुर: एवीएम न्यू सैनिक स्कूल : छात्रों के लिए विकल्प नहीं, एक बेहतर अवसर

“आम से खास बनने का सफ़र” – डॉ.अजय श्रीवास्तव (चेयरमैन एवीएम)

बिलासपुर शहर के कोनी क्षेत्र मे स्थित आधारशिला विद्या मंदिर ‘न्यू सैनिक स्कूल’ की मान्यता प्राप्त करने के बाद अब छात्रों के लिए शिक्षण संस्थान का केवल विकल्प मात्र न बनकर एक बेहतर अवसर के रूप मे सामने आया है। सैनिक स्कूल सख्त अनुशासन और आचरण संहिता के लिए जाने जाते हैं। यह स्कूल छात्रों में मजबूत चरित्र, जिम्मेदारी और नैतिकता का भाव पैदा करते हैं। स्कूल का सुव्यवस्थित वातावरण पढ़ाई के साथ जीवन में काम आने वाले जरूरी कौशलों को विकसित करने में मदद करता है इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि यह एक बच्चे के आम से खास बनने के सफ़र का पहला पड़ाव है l उक्त जानकारी डॉ.अजय श्रीवास्तव (चेयरमैन एवीएम) ने मीडिया को दी l 

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बदलाव आएँगे, कीमती है आज…एस.के.जनास्वामी (डायरेक्टर)

एस.के.जनास्वामी (डायरेक्टर) ने बताया कि सैनिक स्कूल में पढ़ने वाले प्री प्राइमरी अथवा प्राइमरी के छात्रों को शुरु से ही एक अनुशासित माहौल का मिलना बच्चों के व्यवहार में एक अलग व्यक्तित्व को दर्शाता है। सैनिक स्कूलो में पढ़ने वाले छोटी कक्षाओं के छात्रों मे शुरू से ही नेतृत्व विकास,फिजिकल फिटनेस, देशभक्ति एवं राष्ट्रीय गौरव की मजबूत भावनाओं को विकसित करने का प्रशिक्षण दिया जाता है।सैनिक स्कूलों में शारिरीक दक्षता को बहुत महत्व दिया जाता है।छात्र नियमित रूप से खेलकूद और व्यायाम जैसी शारीरिक गतिविधियों में भाग लेते हैं।इससे उनको स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली का विकास होता है।इससे न केवल शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है बल्कि मानसिक रूप से भी फायदा मिलता है।

सोचने का नहीं सीखने का भी तरीका बदलें, तभी तेजी से होगा विकास : जी.आर.मधुलिका (प्राचार्या)

जी.आर.मधुलिका (प्राचार्या) ने कहा कि आज दुनिया जिस तेजी से बदलाव की ओर जा रहा है, उसमें संतुलन बनाकर जीवन यापन करना मानव प्रजाति के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने खड़ा है। आज हमें सोचने के साथ ही साथ सीखने के तरीके में भी बदलाव लाने की अत्यंत आवश्यकता है, तभी हम तेजी से विकास की ओर बढ़ पाएंगे। प्रत्येक अभिभावक के मन में एक सवाल आवश्यक उठता है – “क्यों चुने अपने बच्चों के लिए एवीएम सैनिक स्कूल?” जिसके जवाब में सबसे पहला कारण है एवीएम एक सामान्य स्कूल से हटकर अब ‘न्यू सैनिक स्कूल’ की मान्यता रखता है। जिसका मुख्य उद्देश्य एकेडमिक रूप से मजबूत, सांस्कृतिक रूप से जागरूक, बौद्धिक रूप से निपुण, आत्मविश्वासी, अत्यधिक कुशल, बहुआयामी, देशभक्त आत्मनिर्भर युवा समुदाय का निर्माण करना है, जिसमें नेतृत्व के गुण राष्ट्र को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करने पर केंद्रित है l

अजय श्रीवास्तव ने बताया कि यहां छात्रों का प्रशिक्षण डिफेंस के अनुभवी अधिकारियों के संरक्षण में होता है छोटी कक्षाओं (1से4) के छात्रों को कक्षा पांचवी की AISSEE परीक्षा की तैयारी के लिए अनुभवी शिक्षकों के द्वारा अतिरिक्त समय प्रदान कर “सैनिक स्कूल पैटर्न” पाठ्यक्रम की तैयारी करवाई जाती है ताकि बच्चा शुरू से ही इस परिवेश में ढल जाए एवं कक्षा पांचवी में AISSEE की परीक्षा में बेहतरीन अंकों के साथ अपना स्थान सुरक्षित कर सके।एवीएम के छात्रों को एक बड़ा लाभ यह भी मिलता है कि यहां अध्ययनरत कक्षा 5वीं छात्रों के लिए 60% सीटें अनुमोदित NSSs के तहत् आरक्षित होती है जिससे उनकी भर्ती प्रक्रिया सहज व सुगम हो जाती है। जब एक सैनिक अपने कार्यक्षेत्र का संपूर्ण अनुभव लेकर एक शिक्षक की भूमिका अदा करता है एवं छात्रों के साथ अधिक से अधिक समय व्यतीत करता है तब छात्रों के शैक्षणिक, सामाजिक व व्यवहारिक क्षेत्रों में परिवर्तन आना स्वभाविक है। सैनिक स्कूल के छात्रों के अतिरिक्त विद्यालय में पढ़ रहे अन्य इच्छुक छात्रों को भी उनकी रूचिनुसार फील्ड क्राफ्ट प्रशिक्षण दिया जाएगा। विद्यालय के वातावरण से बच्चों के सोचने एवं सीखने के तरीके में बदलाव आता है जो उनके तीव्र विकास वह सफल भविष्य के निर्माण में सहायक सिद्ध होता है l

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