
क्या बिलासपुर पुलिस कानून से ऊपर है?
बिलासपुर में पुलिस की घोर लापरवाही से युवक की हत्या — जिम्मेदार अफसर जेल कब जाएंगे?
बिलासपुर की सिटी कोतवाली में तैनात रात्रि अधिकारी ASI गजेंद्र शर्मा और थाना प्रभारी विवेक पांडे की लापरवाही ने 29 वर्षीय दीपक साहू की जान ले ली।
5 अगस्त 2025 को दीपक ने अपनी जान को खतरे की लिखित रिपोर्ट दी, MLC कराया — मगर पुलिस ने फाइल दबा दी, कोई एक्शन नहीं लिया।
8 अगस्त 2025 को दीपक की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
कार्रवाई क्या हुई?
- ASI गजेंद्र शर्मा — निलंबन + रक्षित केंद्र अटैच
- थाना प्रभारी विवेक पांडे — लाइन हाजिर
यानी, हत्या की पृष्ठभूमि तैयार करने वाली लापरवाही पर महज़ ड्यूटी बदलने की ‘सज़ा’!
कानून क्या कहता है (BNS अनुसार)?
- BNS धारा 106 — लापरवाही से मृत्यु
- BNS धारा 127 — सरकारी कर्मचारी द्वारा कानून की अवहेलना
- BNS धारा 198 — पद का दुरुपयोग कर अपराधी को बचाना
- BNS धारा 204 — गलत रिकॉर्ड तैयार कर अपराधी को लाभ पहुंचाना
विशेषज्ञों का मानना है कि
- दोनों अधिकारियों पर तत्काल FIR और गिरफ्तारी
- SIT/CBI जांच
- दोषी पाए जाने पर सेवा से बर्खास्तगी
- पीड़ित परिवार को मुआवज़ा + सुरक्षा
- पुलिस जवाबदेही कानून का तत्काल लागू होना
जब एक आम आदमी हत्या में नाम आने पर सीधे जेल जाता है, तो वर्दीधारी पर क्यों सिर्फ निलंबन? क्या बिलासपुर पुलिस कानून से ऊपर है?