बिलासपुर(रतनपुर): कूड़े में पड़े कछुए, देखिए Video

आ बैल मुझे मार
विकास मिश्रा की रिपोर्ट

यह सच है मेरे यार, सतरंगी सब संसार
समझदार जो बच-बच निकलें,
नादान करे पुकार, आ बैल मुझे मार!!

बिलासपुर: बचपन में दूरदर्शन पर आने वाले धारावाहिक ‘आ बैल मुझे मार’ का यह टाइटल सॉन्ग मुझे आज बेहद प्रासंगिक लग रहा है! ट्रस्ट द्वारा बिलासपुर प्रेस क्लब में बिलासपुर के पत्रकारों के समक्ष दिए गए उनके बयान कई सवालों को जन्म दे रहे हैं, जो उनके खुद के सवालों में घिरने का कारण बन रहे हैं!

25 मार्च को महामाया मंदिर के कुंड में जाल में फंसे 23 मृत कछुओं की घटना के 11वें दिन ट्रस्ट की नींद खुली और 4 अप्रैल, शुक्रवार को महामाया मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर, उपाध्यक्ष सतीश शर्मा, मुख्य पुजारी और मैनेजिंग ट्रस्टी पंडित अरुण शर्मा, कोषाध्यक्ष रितेश जुनेजा, ट्रस्टी विनोद गोरख, शैलेंद्र जायसवाल और मंदिर के सक्रिय सहयोगी ए पी त्रिपाठी ने बिलासपुर प्रेस क्लब में पहुंचकर पत्रकारों से चर्चा की और इस प्रकरण में अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की!

ट्रस्ट के सदस्यों ने इस पूरे प्रकरण में खुद को निर्दोष बताते हुए इसे महामाया प्रबंधन को बदनाम करने की साजिश करार दिया!

ट्रस्ट में मंदिर कुंड में बदबू की वजह से सफाई और मछलियों को हटाने का दायित्व ट्रस्ट के सहयोगी आनंद जायसवाल को देना स्वीकार किया!

प्रेस को उन्होंने यह भी बताया कि कुंड से मछली निकालकर आनंद जायसवाल द्वारा उसे बाजार में विक्रय के बाद अर्जित राशि ट्रस्ट में जमा करवा दी गई!

प्रेस वार्ता में ट्रस्ट ने यह भी कहा कि 23 तारीख की रात को कछुए कुंड के बाहर नजर नहीं आए, 24 को दिन में भी नजर नहीं आए, और 24 की रात को भी नहीं दिखाई दिए। अचानक 25 मार्च की सुबह लगभग दो दर्जन कछुए मृत पाए गए, जो किसी षड्यंत्र का हिस्सा हो सकते हैं। ट्रस्ट के सभी लोग एक सुर में कहते हैं कि इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए, ताकि जो बदनामी का दंश ट्रस्ट के नाम आ रहा है, वह स्पष्ट हो सके।

कुंड का क्षेत्र

इस पूरे प्रेस वार्ता के बाद जनमानस के मन में स्वाभाविक रूप से कुछ प्रश्न उभरते हैं जो अभी तक अनुत्तरित हैं।

  1. घटना दिवस 25 मार्च को सुबह मंदिर कुंड में मृत कछुओं की सूचना के बाद कछुओं को कुंड से कूड़ेदान में क्यों और किसके आदेश पर फेंका गया? वन विभाग के अधिकारियों के घटना स्थल पर आने तक कछुओं को कुंड के किनारे क्यों नहीं रहने दिया गया? कूड़ेदान में कछुओं को फेंकने के पीछे जिम्मेदार व्यक्ति की मंशा क्या थी? प्रेस वार्ता में इस बात का उल्लेख क्यों नहीं हुआ?
  2. मंदिर कुंड में बदबू की वजह से सफाई क्या पहली बार हुआ है? क्या यह सफाई वर्ष में पड़ने वाले दोनों नवरात्र के पूर्व होती है? क्या उस कुंड से पहली बार मछलियां निकाली गईं? या पूर्व में भी सफाई के दौरान मछलियां निकाली गईं? अगर कुंड में पहली बार मछलियां निकाली गईं तो स्वाभाविक रूप से उनका आकार और वजन बहुत ज्यादा होना चाहिए था।
  3. अगर पहले भी मछलियां निकाली गईं, तो क्या उस निकाली गई मछली की विक्रय राशि को ठेकेदार ने मंदिर ट्रस्ट में जमा कर रसीद कटवाया है?
  4. एक और सवाल उपजता है कि ट्रस्ट अपने सहयोगी आनंद जायसवाल से क्या सिर्फ इसी चर्चित कुंड की सफाई और मछली निकालने में सहयोग लेती है या पंचमुखी शिव मंदिर से लगे मुख्य कुंड की सफाई में भी सहयोग लेती है?
  5. पंचमुखी शिव मंदिर से लगे हुए कुंड की सफाई आखिरी बार कब हुई थी? क्या उस कुंड से भी मछली निकालकर बाजार में बेची गई थी? क्या उसकी भी राशि ट्रस्ट में जमा हुई है?
  6. महामाया मंदिर प्रांगण के दोनों कुंडों में अब तक कितनी बार सफाई का कार्य हुआ है? दोनों कुंड से मछली निकालकर बाजार में कितनी बार विक्रय कर उसकी राशि ट्रस्ट में जमा की गई है?
  7. ट्रस्ट द्वारा प्रेस वार्ता में कहा गया कि 25 मार्च को मछली निकालने के दूसरे दिन कछुए संदिग्ध रूप से कुंड में पाए गए तो इस विषय में ट्रस्ट ने सीसीटीवी की मदद क्यों नहीं ली?
  8. वन विभाग के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार कुंड में मिलने के 48 घंटे पहले कछुओं की मौत दम घुटने से हुई, इस लिहाज से कुंड में मछली निकालने और कुंड में कछुओं के मृत पाए जाने की टाइमिंग एकदम मेल क्यों हो रही है?
  9. मंदिर प्रांगण में तैनात सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी की निगरानी के बीच क्या यह संभव है कि कोई अज्ञात व्यक्ति कुंड से मछली निकालने की सटीक जानकारी के साथ बाहर से मृत कछुआ ला कर बिना सीसीटीवी की पकड़ में आए कुंड में डाल दे?
  10. अगर कोई बाहर से कछुआ ला कर कुंड में डालता तो वह आसानी से सीसीटीवी में दिखाई पड़ता।
  11. मंदिर ट्रस्ट के सहयोगी आनंद जायसवाल का मंदिर को किया जाने वाला सहयोग की कैफियत क्या है? क्या वह सहयोग के बदले आर्थिक लाभ पाते हैं? क्या वह यह सहयोग निःस्वार्थ भाव से करते हैं?
  12. मंदिर कुंड की सफाई के लिए रात्रि 12 से 4 का समय ही क्यों चुना गया?
  13. ट्रस्ट ने प्रेस वार्ता में कुंड में कछुओं की उपस्थिति को स्वयं स्वीकारा है, ऐसे में कुंड की सफाई से पूर्व कछुओं की सुरक्षा हेतु वन विभाग को सूचना क्यों नहीं दी?
  14. मंदिर कुंड की सफाई वन विभाग के देखरेख में क्यों नहीं की गई?

नगर निकाय के अध्यक्ष लवकुश कश्यप से मंदिर स्थित तालाब/कुंड के विषय में पूछा गया तो उन्होंने उस कुंड को नगर पालिका के अधीन आने वाला बताया और ट्रस्ट द्वारा उसमें मछली मारने के विषय में संज्ञान लेते हुए जल्द ही विधि सम्मत कार्यवाही करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट को इस प्रकरण में तालाब की सफाई और मछली निकालने के पूर्व नगर पालिका रतनपुर से विधिवत अनुमति लेनी चाहिए थी।

ट्रस्ट द्वारा आज की प्रेस वार्ता से उपजे बहुत से निरुत्तरित सवाल नगर में चर्चा का विषय हैं। ट्रस्ट को जल्द ही इन सवालों के जवाब हेतु एक और प्रेस वार्ता स्थानीय पत्रकारों के समक्ष रखने की ज़रूरत है!

23 कछुओं की मौत से उपजी इस घटना से रतनपुर के जनमानस में आक्रोश साफ देखा जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि नवरात्र पर्व के बाद इस प्रकरण में बड़े निर्णय सामने आएंगे! सभी को इस प्रकरण में न्याय की प्रतीक्षा है!

जल्द ही पढ़ने को मिलेगी 👇🏻खबर

सुर्खियों में पवन शर्मा

बिलासपुर: आदिवासी विभाग के लेखा अधिकारी पवन शर्मा क्यों बने चर्चा का केंद्र?

“जीपीएम में ट्रांसफर होने के बाद भी बिलासपुर में जमे हैं लेखा अधिकारी पवन शर्मा, कलेक्टर अवनीश शरण तक पहुंची बात

  • Related Posts

    बिलासपुर: “एक पेड़ माँ के नाम” कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या देवी ने किया वृक्षारोपण, दिया मातृत्व और प्रकृति प्रेम का संदेश

    बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नी कौशल्या देवी ने रविवार को रामा वर्ल्ड के मंदिर प्रांगण में आयोजित विशेष कार्यक्रम “एक पेड़ माँ के नाम” में सहभागिता निभाकर पर्यावरण संरक्षण और मातृशक्ति को समर्पित इस पहल को नई ऊँचाई दी। इस भावनात्मक कार्यक्रम की अध्यक्षता रामा ग्रुप के चेयरमैन संजय अग्रवाल एवं उनकी माताजी श्रीमती कलावती देवी ने की। दोनों ने इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए कहा, “हर वृक्ष, हर माँ की तरह जीवनदायिनी शक्ति लेकर आता है। जब हम पेड़…

    Continue reading
    बिलासपुर में संजय दत्त के बर्थडे पर कानून की उड़ गई धज्जियां: कांग्रेस नेता महेश दुबे(टाटा महराज) और भाजपा नेता मनीष अग्रवाल साथ थिरके, आयोजक चुट्टू अवस्थी गिरफ़्तार!

    https://www.facebook.com/share/v/1LP7QqrHXs/बिलासपुर | मध्य नगरी चौक पर मंगलवार को जो नज़ारा देखने को मिला, उसने कानून व्यवस्था और सियासी नैतिकता दोनों पर सवाल खड़े कर दिए। फ़िल्म अभिनेता संजय दत्त का जन्मदिन जश्न के नाम पर कुछ लोगों ने सार्वजनिक स्थल को जाम कर दिया — आमजन का रास्ता रोका गया, DJ बजा, नाच-गाना हुआ और कानून की धज्जियाँ उड़ाई गईं। इस पूरे हंगामे की अगुवाई कर रहे थे गुरुदेव अवस्थी उर्फ़ चुट्टू अवस्थी (52 वर्ष), जो मध्य नगरी चौक के निवासी हैं। पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए चित्तू अवस्थी…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *