
नेहरू नगर की ‘स्मार्ट’ सड़क बनी शर्म की मिसाल, भ्रष्ट ठेकेदार पर BJP कार्यकाल में भी मौन प्रशासन
स्मार्ट सिटी के अधिकारी और कांग्रेस ठेकेदार की जुगलबंदी से सड़क बना भ्रष्टाचार का गड्ढा!
एफडीआर कांड को अंजाम देने वाला ठेकेदार कमल सिंह का भाजपा कार्यकाल में भी जलवा
बिलासपुर। करोड़ों रुपये की लागत से बनी नेहरू नगर की स्मार्ट सिटी सड़क एक बार फिर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। जिन सड़कों पर शहर की शान होनी चाहिए थी, वहां अब सिर्फ उखड़ा डामर, कीचड़ और लापरवाही की परतें दिखाई दे रही हैं।
सड़क की यह दुर्दशा कोई पहली बार नहीं हुई है — इससे पहले भी इस सड़क की मरम्मत हुई थी, जब NHICF की ओर से इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया था। उस समय नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने संज्ञान लिया और आनन-फानन में ठेकेदार ने डामर का कोट कर दिया। लेकिन पहली बारिश में ही पोल खुल गई — सड़क दोबारा उखड़ गई।
👉 ठेकेदार कमल सिंह ठाकुर, जो कांग्रेस से जुड़ा नेता है और FDR घोटाले का आरोपी रह चुका है, वही इस निर्माण का जिम्मेदार ठेकेदार है। आश्चर्य की बात यह है कि ये सड़क कांग्रेस शासनकाल में बनी और अब BJP शासन में उसकी निगरानी हो रही है — पर कार्यवाही शून्य।
👉 सवाल यह उठता है कि BJP पार्षद और प्रशासन आखिर इस कांग्रेस ठेकेदार के आगे क्यों नतमस्तक है?
👉 इस सड़क की निगरानी की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी के चर्चित और विवादित अधिकारी प्रवीण शुक्ला की थी। इसके बावजूद गुणवत्ता की अनदेखी और घटिया निर्माण का खेल खुलेआम हुआ।
💬 स्थानीय लोगों का कहना है कि ये सड़क पार्षद की नियमित आवाजाही का रास्ता है, फिर भी कार्यवाही नहीं होना गहरे सांठगांठ की ओर इशारा करता है।
अब सवाल यह है कि —
- क्या BJP सरकार कांग्रेस के भ्रष्ट ठेकेदारों को संरक्षण दे रही है?
- क्या स्मार्ट सिटी के अधिकारी निर्माण कार्यों में कमीशन के खेल में शामिल हैं?
- कब तक जनता ऐसे गड्ढों और घटिया निर्माण का खामियाजा भुगतती रहेगी?
मांग है कि इस मामले में ठोस कार्यवाही हो और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में जनता की निगरानी सुनिश्चित की जाए।