बिलासपुर। डी.पी. विप्र विधि महाविद्यालय में हिंदी दिवस के अवसर पर प्रोफेसर रामनारायण शुक्ल स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। व्याख्यानमाला का विषय था – “कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं विधि शिक्षा के परिप्रेक्ष्य में हिंदी की भूमिका”।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. राजकुमार सचदेव ने सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है, इसका सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. मुरली मनोहर सिंह ने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी शंकाओं का समाधान किया। वहीं, वरिष्ठ कवयित्री एवं साहित्यकार श्रीमती रश्मि रामेश्वर गुप्ता ने कहा कि हिंदी सहज, सरल और आत्मा को छू लेने वाली भाषा है, जिसमें हमारी संस्कृति और सभ्यता समाहित है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अन्नू भाई सोनी ने कहा कि कानून एवं चिकित्सा की किताबें भी हिंदी में होनी चाहिए, लेकिन उनमें कठिन शब्दों का प्रयोग न करके सरलतम शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए ताकि विद्यार्थी आसानी से समझ सकें।
इस अवसर पर प्रोफेसर सोनम शर्मा ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की, डॉ. परमानंद पटेल ने संचालन किया तथा आभार प्रदर्शन संस्था की उपप्राचार्य सुश्री सुषमा तिवारी ने किया। सभी अतिथियों का साल, श्रीफल एवं स्मृतिचिन्ह देकर सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।















