
मुख्यमंत्री जी, श्रीराम सेतु मार्ग को पूर्ण बताकर लोकार्पण कराने वाले भ्रष्ट अधिकारियों को जेल भेजें
भ्रष्ट अधिकारियों की काली करतूतें हुईं उजागर, श्रीराम सेतु मार्ग में लगे ज्यादातर पेड़-पौधे लोकार्पण के बाद सूख गए
बिलासपुर: 23 नवंबर को 49.98 करोड़ की लागत से बने श्रीराम सेतु मार्ग का कलेक्टर अवनीश शरण ने अन्य और कार्यों के साथ सीएम विष्णु देव साय के हाथों जोर-शोर से लोकार्पण कर दिया था, लेकिन इस पूरे कार्यक्रम के बाद अधिकारियों की मनमानी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लोकार्पण के बाद, जहां एक ओर कार्यक्रम में सफलता का दावा किया गया, वहीं वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट नजर आई।
पेड़-पौधे सूखने का मामला
लोकार्पण के दिन लगाए गए पेड़-पौधे अगले ही दिन सूखने लगे, जिससे अधिकारियों की लापरवाही और काम की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। पौधों की सही तरीके से देखभाल और रख-रखाव की कमी दिखी, जो इस प्रोजेक्ट के प्रशासनिक निकम्मेपन को उजागर करता है।
पाथवे की स्थिति
लोकार्पण के दिन पाथवे में टाइल्स नहीं लगी थीं, जबकि अधिकारियों द्वारा इसे पूरी तरह से तैयार कर के दिखाने का दावा किया गया था। आश्चर्य की बात यह है कि दूसरे दिन, लोकार्पण के बाद, पेंटी कॉन्ट्रैक्टर की टीम पाथवे में टाइल्स लगाते हुए दिखाई दिए। यह दर्शाता है कि कार्यक्रम के आयोजन से पहले पूरा काम नहीं किया गया था।
कार्य की लागत का बोर्ड नहीं लगा
कार्य की लागत और अन्य विवरणों का बोर्ड भी लोकार्पण स्थल पर नहीं दिखाई दिया, जो कि नियमों के तहत हर सार्वजनिक निर्माण कार्य पर लगाना आवश्यक है। यह दिखाता है कि अधिकारियों ने इस कार्य को केवल औपचारिकता निभाने के लिए किया और इसकी वास्तविकता पर ध्यान नहीं दिया।
इस प्रकार के लापरवाह और गलत तरीके से किए गए कार्य न केवल सरकारी कार्यों के प्रति लोगों का विश्वास कमजोर करते हैं, बल्कि जनता के पैसे की बर्बादी भी करते हैं। अधिकारियों की मनमानी और कार्य की अधूरी तैयारी से यह स्पष्ट होता है कि योजनाओं को लागू करने में गंभीरता की कमी है।