
बिलासपुर: भिलाई के भाजपा पार्षद संतोष उर्फ जालंधर सिंह को पुलिस ने एक पुराने मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को मंजूर करते हुए 24 घंटे में रिहाई का आदेश दिया।
यह मामला तब सामने आया जब कश्मा यादव ने 21 मार्च 2023 को भिलाई के वैशाली नगर थाने में एन धनराजू और अरविंद भाई के खिलाफ धारा 420 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में भाजपा पार्षद जालंधर सिंह को भी आरोपी बनाया गया। हाईकोर्ट ने 29 जनवरी 2025 को डीजीपी और दुर्ग एसपी से शपथपत्र मांगा कि अब तक इस मामले में जांच क्यों पूरी नहीं हुई। इसके बाद, 21 फरवरी 2025 को दुर्ग एसपी ने शपथपत्र पेश किया और बताया कि जांच में देरी करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हाईकोर्ट ने 6 सप्ताह में जांच समाप्त करने का आदेश दिया।
हालांकि, 3 मार्च 2025 को जालंधर सिंह को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी, लेकिन जब वह बेल बांड के आधार पर वैशाली नगर थाने पहुंचे, तो प्रभारी थानेदार अमित अंदानी ने एक पुराने मामले में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इस गिरफ्तारी के बाद, जालंधर सिंह ने अपने वकील बी. पी. सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट में क्रिमिनल पिटीशन दायर की और गिरफ्तारी को चुनौती दी। वकील ने तर्क दिया कि यह आरोप 2017 के एक मामले में लगाया जा रहा है, जबकि जांच में पहले ही गड़बड़ियां पाई जा चुकी हैं और डीजीपी ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के बाद जालंधर सिंह को 24 घंटे में रिहा करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, कोर्ट ने अगली सुनवाई 24 मार्च को तय की और इस आदेश की प्रति डीजीपी और डीजे दुर्ग को भेजने का निर्देश दिया ताकि संबंधित मजिस्ट्रेट शीघ्र आदेश का पालन कर सकें।