
कलेक्टर के आदेश की अनदेखी: DEO कार्यालय में कर्मचारियों की मनमानी जारी
बिलासपुर। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालय में लंबे समय से एक ही प्रकार का काम कर रहे कर्मचारियों का कार्यभार बदलने के लिए कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर 7 अक्टूबर को DEO टी.आर. साहू ने आदेश जारी किया था। आदेश का उद्देश्य था कि सभी कर्मचारियों को विभिन्न कार्यों का अनुभव मिले और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे।
हालांकि, इस आदेश के महीनों बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। ज्यादातर कर्मचारी, जो लंबे समय से एक ही खंड का प्रभार संभाल रहे थे, अभी भी उसी स्थान पर जमे हुए हैं। यह आदेश केवल कागजों तक सीमित रह गया है, और DEO कार्यालय में मनमानी साफ नजर आ रही है।
DEO का बचाव, लेकिन नियंत्रण की कमी उजागर
जब इस मामले पर DEO टी.आर. साहू से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि “नए खंड का कार्यभार संभालने वाले कर्मचारियों को कठिनाई होती है, इसलिए पुराने प्रभारी सहयोग कर रहे हैं।” यह बयान उनकी विभागीय नियंत्रण की कमी को स्पष्ट करता है।
कर्मचारियों की मनमानी
सूत्रों के मुताबिक, ज्यादातर शातिर कर्मचारी दिखावे के लिए नए खंड ज्वाइन कर रहे हैं, लेकिन असल में पुराने खंड का ही काम संभाल रहे हैं।
कलेक्टर के निर्देशों की अनदेखी
कलेक्टर अवनीश शरण के आदेश के बावजूद DEO कार्यालय में इस तरह की मनमानी और आदेशों की अनदेखी दर्शाती है कि प्रशासनिक व्यवस्था पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है।
सुधार की आवश्यकता
ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। DEO की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, और जिले में व्यवस्था सुधारने के लिए कलेक्टर को ठोस कदम उठाने होंगे। कई लोग मांग कर रहे हैं कि ऐसे अधिकारियों को हटाकर लूप लाइन में भेजा जाए, ताकि विभागीय व्यवस्था में सुधार हो सके।
निष्कर्ष
DEO कार्यालय की यह स्थिति प्रशासनिक लापरवाही और कर्मचारियों की मनमानी का परिणाम है। जब तक सख्त कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक ऐसी अव्यवस्था बनी रहेगी।