
बिलासपुर: नगरीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महापौर पद की उम्मीदवार एल. पदमजा उर्फ पूजा विधानी के ओबीसी जाति प्रमाण पत्र का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के महापौर प्रत्याशी आकाश मौर्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर तत्काल सुनवाई की मांग की है। हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने याचिका को पंजीकृत कर लिया है, जिससे भाजपा प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
हाई कोर्ट में दायर याचिका, मंगलवार को हो सकती है सुनवाई
बसपा प्रत्याशी आकाश मौर्य ने अधिवक्ता लवकुश साहू के माध्यम से याचिका दायर कर भाजपा प्रत्याशी एल. पदमजा विधानी के जाति प्रमाण पत्र से संबंधित दस्तावेजों की मांग की है। उनका आरोप है कि निर्वाचन अधिकारी (आरओ) से कई बार दस्तावेज मांगे गए, लेकिन उन्हें उपलब्ध नहीं कराए गए। इस पर अर्जेंट हियरिंग (त्वरित सुनवाई) की मांग की गई है, और संभावना है कि मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है।
कांग्रेस ने भी उठाए थे जाति प्रमाण पत्र पर सवाल
इस मामले को लेकर कांग्रेस ने पहले ही भाजपा प्रत्याशी के जाति प्रमाण पत्र पर सवाल खड़े किए थे। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि एल. पदमजा विधानी का जाति प्रमाण पत्र आंध्र प्रदेश का है, जिसे छत्तीसगढ़ में मान्यता नहीं मिलनी चाहिए। इस संबंध में निर्वाचन आयोग के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई गई थी, लेकिन निर्वाचन आयोग ने इस आपत्ति को खारिज कर दिया था।
भाजपा प्रत्याशी का पक्ष
भाजपा महापौर प्रत्याशी एल. पदमजा विधानी ने अपने जाति प्रमाण पत्र को 1995 में जारी बताया और इसे पूरी तरह से नियमों के तहत वैध करार दिया। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस और अन्य दल राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को उछाल रहे हैं।
चुनाव के बाद भी जारी रह सकता है विवाद
हालांकि निर्वाचन आयोग ने इस मामले में आपत्ति को खारिज कर दिया है, लेकिन चुनाव के बाद भी यह विवाद खत्म होने की संभावना कम है। हाईकोर्ट में इस याचिका पर आने वाले फैसले से चुनावी राजनीति में नए मोड़ आ सकते हैं, और यह मामला भाजपा प्रत्याशी के लिए चुनौती बन सकता है।