बिलासपुर। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतिष्ठित संगीत एवं नृत्य प्रतियोगिता “नाद मंजरी 2025” में कला विकास केंद्र, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राज्य एवं संस्थान का नाम गौरवान्वित किया। प्रसिद्ध कलागुरु पं. सुनील वैष्णव (नृत्याचार्य – रायगढ़ घराना) एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नृत्यांगना सुश्री वासंती वैष्णव के निर्देशन में प्रशिक्षित विद्यार्थियों ने विभिन्न वर्गों में अपनी प्रतिभा का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।

व्यक्तिगत प्रस्तुतियाँ – कथक नृत्य
सब जूनियर सोलो वर्ग में –
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मन्या दिवाकर ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
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समृद्धि बैगुर को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।
जूनियर सोलो वर्ग में –
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वेदिका खत्री, प्रज्ञा बैगुर, आश्मी गुरुदीवान को प्रथम पुरस्कार हेतु चयनित किया गया।
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दिव्यांशी नंदा को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।
सभी प्रतिभागियों को उनके अद्भुत प्रदर्शन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी गईं।
समूह एवं युगल प्रस्तुतियाँ
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सब जूनियर ग्रुप – प्रथम पुरस्कार
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जूनियर ग्रुप – प्रथम पुरस्कार
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सीनियर ट्रायो ग्रुप – प्रथम पुरस्कार
इन प्रस्तुतियों ने कला विकास केंद्र की रचनात्मक ऊर्जा और टीम भावना को प्रदर्शित किया।
विशेष उल्लेख
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शांभवी त्रिवेदी और आहाना गौतम को फेस्टिवल प्रस्तुति में सहभागिता के लिए विशेष रूप से सराहा गया।
अन्य उत्कृष्ट विद्यार्थी
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विधि तिवारी – कथक – जूनियर सोलो – प्रथम पुरस्कार
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वैष्णवी बेहरा – कथक – सीनियर सोलो – द्वितीय पुरस्कार
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पावनी कौशिक एवं दक्षी बेहरा – कथक – सब जूनियर डुएट – प्रथम पुरस्कार
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यामिनी वैष्णव – कथक – सब जूनियर सोलो – प्रथम पुरस्कार
सेमिक्लासिकल में उपलब्धि
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शान्वी जायसवाल को सेमिक्लासिकल – जूनियर सोलो श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। संस्था ने उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया।
कला विकास केंद्र, बिलासपुर के इन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की सफलता ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर एक नया आयाम दिया है। संस्थान ने सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उनके प्रयासों की सराहना की है।















