बिलासपुर: 10 वर्ष पहले हुए जमीन घोटाला मामले में हाई कोर्ट ने तत्कालीन अति तहसीलदार उरांव, रीडर पांडेय व खरीददार बहादुर के खिलाफ जुर्म दर्ज करने का आदेश दिया

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने राजस्व अभिलेखों के सुरक्षित नहीं रखने के मामले में तात्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जयशंकर उरांव, रीडर एनके पांडे और जमीन खरीददार सुरेन्द्र बहादुर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। अवमानना याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को तय की गई है। इस आदेश के बाद से हड़कंप है। उक्त जानकारी वरिष्ठ पत्रकार कमलेश शर्मा से प्राप्त हुई है.

वरिष्ठ पत्रकार कमलेश शर्मा के अनुसार, पूरे मामले और याचिका पर नजर डालें तो पौंसरा की 2.15 एकड़ जमीन की खरीदी बिक्री 2013-14 में की गई थी। उस दौरान इस पर काफी विवाद हुआ था। बाद में मामला शांत हो गया और जमीन का नामांतरण भी कर दिया गया। नामांतरण आदेश में तात्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जय शंकर उरांव के हस्ताक्षर हैं। बाद में पेखन लाल शेंडे ने पक्षकार बनते हुए पूरी रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण आदेश के दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराने के लिए 31 अगगस्त 2024 को तहसील बिलासपुर में आवेदन लगाया। कई बार चक्कर काटने के बाद भी नकल की कापी नहीं मिली तो पेखन लाल शेंडे ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने आवेदक को पूरे प्रकरण के दस्तावेज उपलब्ध कराने के आदेश दिए लेकिन इसके बाद भी तहसील आफिस से कोई जवाब नहीं दिया गया।

समय सीमा बीतने के बाद पेखन लाल शेंडे ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। कोर्ट ने मामले में एसडीएम बिलासपुर पियूष तिवारी, तहसीलदार अतुल वैष्णव, तहसीलदार मुकेश देवांगन को अवमानना नोटिस जारी किया। जवाब में अधिकारियों ने दस्तावेज संबंध रिकार्ड सौंपने के लिए समय की मांग की। हाईकाेर्ट ने समय देते हुए हर हाल में 24 अक्टूबर को रिकार्ड कोर्ट में पेश करने कहा था। इसके बाद पूरी राजस्व की टीम 15 दिनों तक दस्तावेज खोजती रही। रिटायर रीडर एनके पांडे को भी बुलाया गया। इसके बाद भी उस प्रकरण के रजिस्ट्री और नामांतरण संबधी एक भी कागज नहीं मिला।

शर्मा के अनुसार, अधिकारियों ने इस आशय का जवाब भी कोर्ट में पेश किया कि तहसील आफिस से पूरे रिकार्ड गायब है। इसके साथ ही जवाब पेश किया गया कि रिटायर रीडर एनके पांडे के खिलाफ लापरवाही के मामले में एफआईआर कराने के लिए सिविल लाइन थाने में शिकायत की जा रही है। जस्टिस एनके व्यास की कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि सिर्फ रीडर ही क्यों मामले में तहसीलदार भी तो दोषी हैं। नामांतरण में कहीं ना कहीं कोई गड़बड़ी है तभी तो पूरी फाइल गायब है। नामांतरण आदेश पर तात्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जयशंकर उंराव के साइन भी हैं। इसके साथ ही जमीन खरीददार सुरेन्द्र बहादुर सिंह के खिलाफ भी एफआईआर कराने कहा गया है।

  • Related Posts

    बिलासपुर: जादूगर बादशाह का जादू छठ पूजा पर छाया, दर्शकों को दिए विशेष शुभकामनाएं

    बिलासपुर: इंटरनेशनल स्टार जादूगर बादशाह का जादू इन दिनों बिलासपुर में शिव टॉकीज पर छाया हुआ है। छठ पूजा के अवसर पर उन्होंने अपने दर्शकों को शुभकामनाएं दी और नए-नए जादू के करतबों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके शो में मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक संदेश भी बखूबी पेश किए गए हैं, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर रहे हैं। इस शो में खास आकर्षण हैं डिजिटल मैजिक, मेंटालिज्म, और दुर्लभ जानवरों के साथ उनके हैरतअंगेज एक्ट। बिलासपुर के लोग पहली बार ऐसे जादू…

    Continue reading
    बिलासपुर के आनंद पांडे ने UNO में बढ़ाया राज्य का गौरव, संघर्ष और समर्पण से मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान

    बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के छोटे से गांव तखतपुर के बेलसरी में जन्मे आनंद पांडे ने आज संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) में अपनी विशेष पहचान बनाकर राज्य का मान बढ़ाया है। हाल ही में उन्हें छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा गया है, जो उनकी कड़ी मेहनत, लगन और अपनी मातृभूमि के प्रति निष्ठा का प्रमाण है। छोटे से गांव से UNO तक का सफर आनंद पांडे का जन्म 19 सितंबर 1977 को तखतपुर के बेलसरी गांव में हुआ। एक साधारण परिवार से आने वाले आनंद के पिता…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *