बिलासपुर: लो आ गयी सोने की चिड़िया का नाट्य मंचन सम्पन्न

बिलासपुर शहर की प्रतिष्ठित रंग संस्था संगम नाट्य समिति बिलासपुर द्वारा नाटक सोने की चिड़िया का मंचन शाम 4 बजे नेहरू चौक स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राजेन्द्र नगर में किया गया। जिसका निर्देशन शैलेन्द्र मणि कुशवाहा द्वारा किया गया। यह प्रस्तुति भारत देश में चल रहे भारत रंग महोत्सव (भारंगम) के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जन भारत रंग महोत्सव 2024 में वसुधैव कुटुम्बकम की परिकल्पना को साकार करने के लिए किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विद्यालय के प्राचार्य डॉ. मोहन लाल पटेल विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. रश्मि बुधिया एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेंद्र वर्मा ने की। सर्वप्रथम कार्यक्रम की प्रस्तावना शैलेंद्र कुशवाहा द्वारा वसुधैव कुटुम्बकम के प्रारूप और उसकी परिकल्पना के बारे में बच्चों के समक्ष रखा गया। इसके बाद नाट्य प्रस्तुति ‘लो आ गयी सोने की चिड़िया’ का मंचन किया गया।

नाट्य प्रस्तुति के बाद मुख्य अतिथि डॉ मोहन लाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की संकल्पना में कार्य करते हुए दे को नई दिशा की ओर ले जाने में अग्रसर हैं। उन्होंने अपने भाषण में सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के संकल्प को लेकर सभी के समक्ष अपनी बात रखी।

इसके बाद विशिष्ट अतिथि डॉ. रश्मि बुधिया ने सम भाव की संकल्पना पर बात की। उन्होंने कहा कि हमें अपने समाज से ऊंच- नीच, भेद- भाव, छुआ-छूत को दूर कर सभी के साथ समान व्यवहार करने की ओर काम करना होगा, इसके साथ ही पेड़- पौधे, जीव-जंतु के साथ भी आत्मीयता के साथ सामंजस्य बनाने की बात कही।

अध्यक्षीय उद्बोधन में सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि समाज को नई दिशा देने में नाटक शीर्ष कड़ी के रूप में उभर कर समाज को दिशा देने का काम करता है। इसलिए शहर में ऐसी प्रस्तुतियों के आयोजन से आने वाली पीढ़ी को समाज, संस्कृति, संस्कार, सभ्यता को नजदीक से जानने का अवसर मिलेगा। हम अपनी संस्कृति, रीति-रिवाज भारतीय सभ्यता से दूर होते जा रहे हैं। उसकी ओर ध्यान देने की जरूरत है।

अंत में संगम नाट्य समिति की कलाकार संस्कृति सिंह द्वारा सभी का आभार प्रदर्शन किया गया।

नाट्य प्रस्तुति के दौरान मंच पर संस्कृति सिंह, रोहित वैष्णव, मोहित कुमार, आदर्श श्रीवास, गोविंदा गंधर्व ने भूमिका निभाई।

मंच पर- लेखक – ललित प्रकाश, तबला :- जलेश्वर गंधर्व, रूप सज्जा- मनीषा पाल, वस्त्र विन्यास- अंजना और परिकल्पना एवं निदेशन – शैलेन्द्र मणि कुशवाहा द्वारा किया गया।

  • Related Posts

    बिलासपुर छठ घाट की तैयारी में जुटा नगर निगम — निरीक्षण पर पहुंचीं मेयर पूजा विधानी, समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश

    विश्व के सबसे बड़े स्थायी छठ घाट तोरवा में सफाई, प्रकाश और पार्किंग व्यवस्था युद्धस्तर पर जारी बिलासपुर। दीपावली के बाद मनाए जाने वाले छठ महापर्व की तैयारी बिलासपुर में जोरों पर है। शहर के विभिन्न छठ घाटों में से सबसे बड़ा और प्रमुख तोरवा छठ घाट एक बार फिर मुख्य आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है। दावा किया जाता है कि यह विश्व का सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट है। आगामी 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक होने वाले छठ महापर्व को लेकर घाट…

    Continue reading
    बिलासपुर में महाराष्ट्रीयन परिवारों में महालक्ष्मी पूजन की धूम

    बिलासपुर। भाद्रपद माह की षष्ठी से लेकर अष्टमी तक नगर के महाराष्ट्रीयन परिवारों में महालक्ष्मी पूजन का विशेष आयोजन धूमधाम से शुरू हो गया है। परंपरा अनुसार 31 अगस्त से 2 सितंबर तक घर-घर में देवी महालक्ष्मी की स्थापना की गई। विवाहित महिलाएँ इस पूजन का पालन अपने सौभाग्य, बच्चों की उन्नति और परिवार की समृद्धि के लिए करती हैं। पहले दिन ज्येष्ठा और कनिष्ठा देवियों का आगमन निश्चित मुहूर्त में हुआ। उनके साथ पुत्र और पुत्री की प्रतिमाओं की भी स्थापना की गई। प्रवेश द्वार…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *