
युक्तियुक्तकरण से व्यायाम शिक्षक हिमांशु पुनवा बाहर, तिफरा स्कूल में द्वितीय पदस्थापना पर उठे सवाल
बिलासपुर। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया जारी है, जिसके अंतर्गत शिक्षक पदस्थापन को तर्कसंगत एवं जरूरत के अनुसार पुनः व्यवस्थित किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में कई शिक्षकों का स्थानांतरण या वेतन व्यवस्था बदली गई है, लेकिन शासकीय उ.मा.शाला बालक तिफरा में पदस्थ व्यायाम शिक्षक हिमांशु पुनवा को युक्तियुक्तकरण की सूची में शामिल नहीं किया गया है। इससे संबंधित शिक्षक वर्ग और शिक्षा क्षेत्र में सवाल खड़े हो गए हैं।
जानकारी के अनुसार तिफरा स्कूल में पहले से ही एक व्यायाम शिक्षक पदस्थ है, बावजूद इसके हिमांशु पुनवा को उसी विद्यालय में पदस्थ किया गया है। उनका वेतन शासकीय उ.मा.शाला सेलर से आहरित किया जा रहा है। जबकि युक्तियुक्तकरण का मूल उद्देश्य यह है कि जहां पद रिक्त हैं वहीं शिक्षक पदस्थ किए जाएं, ताकि संसाधनों का समुचित उपयोग हो सके।
प्रमुख सवाल जो उठ रहे हैं
- जब तिफरा में पहले से व्यायाम शिक्षक पदस्थ हैं, तो दूसरा व्यायाम शिक्षक किस आधार पर वहां नियुक्त किया गया?
- यदि हिमांशु पुनवा नियमित रूप से वहीं कार्य कर रहे हैं तो उन्हें युक्तियुक्तकरण सूची में क्यों नहीं लिया गया?
- क्या यह नियुक्ति नियम विरुद्ध है या किन्हीं प्रशासनिक कारणों से की गई है?
प्रतिक्रिया
कुछ शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि, “युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए। किसी एक को दो सुविधा और दूसरे को एक भी नहीं – यह अन्याय है।”
इस विषय पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई आधिकारिक बयान प्राप्त नहीं हुआ।
हिमांशु पुनवा को युक्तियुक्तकरण से बाहर रखा जाना और पहले से भरे हुए विद्यालय में पदस्थापना, दोनों ही विषय शिक्षक समाज और शिक्षा प्रशासन में सवालों के घेरे में हैं। इस मामले की पारदर्शी जांच और स्पष्टता आवश्यक है।