
कांग्रेस के भीतर बढ़ता असंतोष, क्या चुनावी रणनीति पर इसका असर पड़ेगा?
बिलासपुर: कांग्रेस पार्टी में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर चल रही बैठक के बाद एक विवाद छिड़ गया। प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की अध्यक्षता में कांग्रेस भवन में आयोजित बैठक में प्रदेश महामंत्री और बिलासपुर लोकसभा प्रभारी सुबोध हरितवाल भी मौजूद थे। बैठक के बाद जैसे ही दीपक बैज रवाना हुए, कांग्रेस कार्यालय में भारी हंगामा हुआ।
बताया जा रहा है कि सुबोध हरितवाल ने बैठक से बाहर निकलते समय कुछ बातें कीं, जिससे पूर्व मेयर राजेश पाण्डेय और अन्य वरिष्ठ नेताओं में नाराजगी फैल गई। इन नेताओं का कहना था कि उन्हें बैठक में बोलने का अवसर नहीं दिया गया, जबकि कार्यकर्ताओं की बात सुनना जरूरी है।
इस पर सुबोध हरितवाल ने तीखे शब्दों में जवाब देते हुए कहा, “पार्टी कैसे चलानी है, अब हमें सिखाओगे?” यह टिप्पणी सुनते ही कांग्रेस नेता भड़क गए। पूर्व मेयर राजेश पाण्डेय ने तत्काल विरोध जताया और कहा कि वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं से इस तरह की बात करना अनुचित है। इसके बाद गाली-गलौज और बदतमीजी का सिलसिला शुरू हो गया।
इस मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्जुन तिवारी और राकेश शर्मा ने सुबोध हरितवाल के व्यवहार को गलत बताया और कहा कि पार्टी में इस तरह की स्थिति से बचना चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि राजेश पाण्डेय पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उनका सम्मान किया जाना चाहिए।
यह घटनाक्रम कांग्रेस पार्टी के भीतर की एक गंभीर स्थिति को उजागर करता है, जहां नेताओं के बीच संवादहीनता और असहमति की स्थिति उत्पन्न हो रही है, जो पार्टी की आगामी चुनावी तैयारियों पर भी असर डाल सकती है।