बिलासपुर। दीपावली के बाद अब बिलासपुर में आस्था का महापर्व छठ पूरे उत्साह से मनाने की तैयारी शुरू हो गई है। शहर का प्रसिद्ध तोरवा छठ घाट, जो पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच, भोजपुरी समाज और सहजानंद समाज के संयुक्त तत्वावधान में पिछले 25 वर्षों से आयोजन का मुख्य केंद्र रहा है, इस बार फिर श्रद्धालुओं से भरेगा। समिति का दावा है कि यह विश्व का सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट है।
इस वर्ष 27 और 28 अक्टूबर को व्रती श्रद्धालु सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करेंगे। घाट पर करीब 50 से 60 हजार श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है। इसी को लेकर कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसएसपी रजनेश सिंह की अध्यक्षता में प्रशासनिक अधिकारियों और छठ पूजा समिति की संयुक्त बैठक हुई।
बैठक में सुरक्षा, स्वच्छता, पार्किंग, प्रकाश व्यवस्था सहित सभी व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई। कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि “बिलासपुर का छठ अब शहर की पहचान बन चुका है। प्रशासन हर संभव सहयोग करेगा।”
नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि घाट की सफाई लगभग पूरी हो चुकी है और प्रकाश व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बिलासा उपवन में पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। वहीं गुरुनानक चौक से छठ घाट तक सड़क डामरीकरण कार्य चल रहा है।
छठ समिति की मांग पर घाट पर स्थायी लाइट व्यवस्था और प्रतिमा विसर्जन हेतु विशेष जलकुंड निर्माण की योजना पर भी सहमति बनी है।
सुरक्षा के लिए 300 से अधिक पुलिस जवान, सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन निगरानी और कंट्रोल रूम की व्यवस्था रहेगी। आपात स्थिति में फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी तैनात रहेंगी।
समिति ने बताया कि महापर्व 25 से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा —
25 अक्टूबर: नहाय-खाय व अरपा मैया की आरती
26 अक्टूबर: खरना प्रसाद
27 अक्टूबर: संध्या अर्घ्य
28 अक्टूबर: प्रातः अर्घ्य
बैठक में कलेक्टर, एसएसपी, नगर निगम आयुक्त, डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, एडिशनल एसपी सहित अनेक विभागों के अधिकारी एवं समिति के पदाधिकारी प्रवीण झा, रौशन सिंह सहित सैकड़ों सदस्य उपस्थित रहे।
तोरवा छठ घाट एक बार फिर श्रद्धा, भक्ति और जनसागर का केंद्र बनने जा रहा है।















