रायगढ़। चक्रधर समारोह की गरिमामयी प्रस्तुतियों की श्रृंखला में 4 सितंबर को राष्ट्रीय कथक नृत्यांगना सुश्री यामी वैष्णव रायगढ़ घराने की विशेष प्रस्तुति देंगी। वर्तमान में वे माँ वैष्णवी संगीत महाविद्यालय, सारंगढ़ की छात्रा हैं।
सुश्री यामी वैष्णव ने मात्र चार वर्ष की अल्प आयु से ही कथक की साधना प्रारंभ की। उन्हें यह कला गुरु-शिष्य परंपरा से उनकी गुरु माँ प्रीतिरुद्र वैष्णव, अंतर्राष्ट्रीय कला गुरु पंडित सुनील वैष्णव तथा प्राचार्य एल.डी. वैष्णव के सानिध्य में प्राप्त हुई है। यामी रायगढ़ घराने के चार स्तंभों में से एक, नृत्य आचार्य पंडित फिरतु महाराज जी की पाँचवीं पीढ़ी की परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं।
कम उम्र में ही यामी ने देश के कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय मंचों पर प्रथम स्थान प्राप्त कर रायगढ़ घराने की परंपरा को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।
उनकी उपलब्धियों में –
- राष्ट्रीय कथक नृत्य कौशल महोत्सव रायपुर (2023)
- इंटरनेशनल कल्चर हार्मनी, देशराग भिलाई (2023)
- चक्रधर समारोह नृत्य अरिंदम (2023)
- ऑल इंडिया डांस म्यूजिक कॉम्पिटिशन “अमृत ध्वनि” बिलासपुर (2024)
- राष्ट्रीय कथक प्रतियोगिता, तारंगढ़ (उड़ीसा) – ओवरऑल बेस्ट अवार्ड
- दार्जिलिंग – टाइटल ऑफ द डे
- राष्ट्रीय प्रतियोगिता नाद मंजरी (2025)
तथा 15 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के मंच शामिल हैं।
इस अवसर पर यामी वैष्णव के साथ कथक में प्रिया वैष्णव, प्राप्ति ब्यास, लावण्या देशमुख और अलीशु सिदार भी सहभागी होंगी। वहीं संगत में बोलों के पढ़ंत पर गुरु प्रीति वैष्णव (सारंगढ़), गायन में लाला राम लोनिया (रायपुर), तबले पर पंडित सुनील वैष्णव (बिलासपुर) एवं रुद्र वैष्णव (सारंगढ़), और सितार पर प्राचार्य पंडित लीलाधर वैष्णव (सारंगढ़) साथ देंगे।
कार्यक्रम में शिव स्तुति, रायगढ़ घराने की आमद, पक्छी परन, दलबदल परन कलिया दमन प्रस्तुत किए जाएंगे और समापन कृष्ण भजन से होगा।















