बिलासपुर। छत्तीसगढ़ प्रखर पत्रकार महासंघ ने पत्रकारों के साथ लगातार हो रही उपेक्षा और अधिकारियों द्वारा संवादहीनता की स्थिति पर नाराजगी जताई है। महासंघ का कहना है कि जिले के कई टॉप अधिकारी और छोटे स्तर के प्रशासनिक अधिकारी पत्रकारों के फोन नहीं उठाते और न ही उनके मैसेज या कॉल का जवाब देते हैं, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था में सूचना के अधिकार और पारदर्शिता की भावना के खिलाफ है।
इस संबंध में महासंघ ने निर्णय लिया है कि ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार कर प्रदेश के प्रभारी मंत्री से औपचारिक शिकायत की जाएगी। यह जानकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय मिश्रा और महासचिव पंकज खण्डेलवाल ने संयुक्त रूप से दी।
उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और पत्रकारों को सरकारी कामकाज, योजनाओं और जनसमस्याओं की जानकारी प्राप्त करना उनका दायित्व है। यदि अधिकारी संवाद नहीं करेंगे तो जनहित की जानकारी आमजन तक नहीं पहुंच पाएगी, जिससे अव्यवस्था और भ्रम की स्थिति पैदा होगी।
महासंघ ने स्पष्ट किया है कि यदि आगे भी यह स्थिति बनी रही तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जन आंदोलन की भी रूपरेखा तैयार की जाएगी। आगामी दिनों में इस विषय पर पत्रकारों की एक विशेष बैठक आयोजित कर अगली रणनीति तय की जाएगी।















